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महेश्वरदीक्षित
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सृगालगर्त
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वृकगर्त
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miscellaneous
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पार्वतेय
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महादाइसा ऊर्फ महदंबा
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
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द्वितीया
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तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ९
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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जात्य
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धर्मराज
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रामज्ञा प्रश्न - द्वितीय सर्ग - सप्तक १
गोस्वामी तुलसीदासजीने श्री. गंगाराम ज्योतिषीके लिये रामाज्ञा-प्रश्नकी रचना की थी, जो आजभी उपयोगी है ।
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तृतीय
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द्वितीय
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पार्वती मंगल - भाग ६
पार्वती - मङ्गलमें प्रातःस्मरणीय गोस्वामी तुलसीदासजीने देवाधिदेव भगवान् शंकरके द्वारा जगदम्बा पार्वतीके कल्याणमय पाणिग्रहणका काव्यमय एवं रसमय चित्रण किया है ।
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तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २२
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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विनय पत्रिका - विनयावली ६४
विनय पत्रिकामे, भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २०
रामभक्त श्रीतुलसीदास सन्त कवि आणि समाज सुधारक होते. तुलसीदास भारतातील भक्ति काव्य परंपरेतील एक महानतम कवि होत.
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अयोध्या काण्ड - दोहा १६१ से १७०
गोस्वामी तुलसीदास जीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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अध्याय ४७ वा - श्लोक २६ ते ३०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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बालकाण्ड - दोहा २४१ से २५०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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अयोध्या काण्ड - दोहा ११ से २०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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भाग २ - लीळा ३११ ते ३२०
प्रस्तुतचे भागात श्रीचक्रधरस्वामींचे सेंदुरणीस आगमन झाल्यानंतर भटोबासांस ईश्वरप्रतीत होऊन स्वामींचे खडकुलीस प्रयाण होईपर्यंतचा इतिवृतांत आला आहे.
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चाणक्यनीति - अध्याय १५
आर्य चाणक्य अपने चाणक्य नीति ग्रंथमे आदर्श जीवन मुल्य विस्तारसे प्रकट करते है।
Nitishastra is a treatise on the ideal way of life, and shows Chanakya's in depth study of the Indian way of life.
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कवितावली - भाग ३
‘कवितावली' गोस्वामी तुलसीदासच्या प्रमुख रचनांपैकी एक आहे. सोळाव्या शतकातील या ग्रंथात श्रीराम कथेचे वर्णन असून मूळ काव्य ब्रजभाषेत आहे.
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कवितावली - भाग १
‘कवितावली' गोस्वामी तुलसीदासच्या प्रमुख रचनांपैकी एक आहे. सोळाव्या शतकातील या ग्रंथात श्रीराम कथेचे वर्णन असून मूळ काव्य ब्रजभाषेत आहे.
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उत्तरकाण्ड
`गीतावली` गोस्वामी तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है जिसके गीतों में राम-कथा कही गयी है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है ।
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कवितावली - भाग २
‘कवितावली' गोस्वामी तुलसीदासच्या प्रमुख रचनांपैकी एक आहे. सोळाव्या शतकातील या ग्रंथात श्रीराम कथेचे वर्णन असून मूळ काव्य ब्रजभाषेत आहे.
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