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साधक
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ریاضتی
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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साधक बाधक
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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ସାଧକ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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সাধক
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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ਸਾਧਕ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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સાધક
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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साधकः
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സാധകന്
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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ریاضتی جنگل
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प्रारंभिकावस्था - साधक गुण
भगवान शिव ने लंकापती रावण को जो तंत्रज्ञान दिया , उसमेंसे ये साधनाएं शीघ्र सिद्धि प्रदान करने वाली है ।
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تَپووَن
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तपोवनम्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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അനുകൂലവും പ്രതികൂലവുമായ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ಸಾಧಕ-ಬಾಧಕ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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वेदांत काव्यलहरी - संसार व साधक
सदर ग्रंथाची किंमत होती - जो जी देईल ती. सदर पुस्तकाबद्दल दैनिक सकाळ २६/०६/१९३८ चे अंकात अभिप्राय छापून आलेला आहे.
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तपोवन
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তপোবন
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ତପୋବନ
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તપોવન
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - चिंतितां साधक मनासि ना कळ...
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
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संत निवृत्तीनाथांचे अभंग - साधक बाधक न बाधी जनक । सर...
संत निवृत्तीनाथांचे अभंग संत निवृत्तीनाथ हे संत ज्ञानेश्वर महाराजांचे थोरले बंधू होत.सर्वसामान्य जनतेला संस्कृत भाषेतील भगवद्गीता समजत नव्हती म्हणून निवृत्तीनाथांनी ज्ञानेश्वरांना प्राकृत(मराठी)भाषेत लिहीण्यास सांगितली, तीच "ज्ञानेश्वरी". The eldest, Nivrutti, joined the nath sect and became Nivruttinath. He also become the guru of Dnyaneshwar. He, at the age of fourteen, instructed Dnyaneshwar, who was twelve, to write a commentry on the Bhagavad Gita
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कांकड आरती - उठा उठा हो साधक, साधा आपु...
कांकड आरती
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अवसर साधक
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नवोन्मेष - साधक
गो.रं.आंबेकरांचा जन्म कर्नाटकातील कुनगोळ गावचा.
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votary
Meanings: 5; in Dictionaries: 4
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self-seeker
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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opportunistic
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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timeserving
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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opportunist
Meanings: 4; in Dictionaries: 3
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ओवी क्र. ५९
प्रस्तुत ओव्या वाचत असताना साधक एका वेगळ्याच अनुभवानं भारला जातो.
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चौबीसवाँ पटल - शवसाधनाफलश्रुतिकथन
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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सत्ताइसवाँ पटल - समाधि
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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छब्बीसवाँ पटल - कौल संध्या
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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बाइसवाँ पटल - षट्चक्रसारसंकेत
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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इक्कीसवाँ पटल - भूमिचक्र
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - योग
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - शरीर शोधन
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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इक्कीसवाँ पटल - तुलाचक्र
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - तान्त्रिक सम्प्रदायों का मार्मिक साम्य
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - स्वरयोग से रोग निवारण
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - कुण्डलिनीयोग
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - चौसठ तन्त्र
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - हठयोग के षट्कर्म
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - तान्त्रिक-संस्कृति का विहंगावलोकन
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - आगमशास्त्र
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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चौबीसवाँ पटल - शवसाधनानिरुपण
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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संक्षिप्त विवरण - बिना औषध के रोगनिवारण
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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तेइसवाँ पटल - योगिनीका भोजननियम
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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एकादश पटल - स्वरुपकीर्तन
रूद्रयामल तन्त्रशास्त्र मे आद्य ग्रथ माना जाता है । कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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