Dictionaries | References

मढें गेलें मसणा, ताजी ना वासना

   
Script: Devanagari

मढें गेलें मसणा, ताजी ना वासना

   ( गो.) वस्तु नष्ट होतांच तिच्याविषयींची आठवणदेखील न काढणें.

Related Words

मढें गेलें मसणा, ताजी ना वासना   वासना   मढें   ताजी   ना   ताज़ी   वासना तशीं फळें   ताजी खबर   शिवेंवयलें मढें   मसणा   येर्‍यान गेलें ना जाल्यार हणयेन गेलें   वाजीवर गोमाशी ताजी   वासना तसें फळः वासने सारखें फळ   ना ना   गाढवहि गेले आणि ब्रह्मचर्यहि गेलें   वासन ने मसणा   हैवहि गेलें नि दैवहि गेलें   वासना मरे, देव पूजा करे   मुंगीयेचें मढें तें मुंगीयेंच काढावें   नित्य मढें, त्याला कोण रडे   वरवडी भक्ति मोठीः आंत वासना खोटीः   थिमि ना   ना रौ   भायलें सुतक भायर गेलें   ना मुनासब   ना सु   ना काबली   हो ना   अंगावर आलें शेपटावर गेलें   रौ ना   ना थिमि   सिल ना   हांगर ना   कासवालागुनु बोंडुळ गेलें   ना जावप   ना पैवस्ता   ना मोहरम   माझें गेलें (जेवण) चुलींत   एकूय ना   ना करप   ना तरी   वेळ ना वखत, गाढव गेलें भोंकत   हगलें ना (नाहीं) पोट गेलें एकच   ताजी हवा   no   धड ना गृहस्थ, धड ना भिक्षुक   ना मला ना तुला, घाल कुत्र्याला   गोड ना जाल्‍यार गोडासारखें उतर ना?   काम वासना   अरत्र ना परत्र   ना विष्णुः पृथिवीपतिः।   नाहीं प्रपंच, ना परमार्थ   जे आरंभ शूर, तां गेलें ना मजल दूर   डोंगराक सुत घालां, आयल्‍यार डोंगर आयलो, ना जाल्‍ल्‍यार सूत गेलें   ना बेदर जाग्रा   हत्तीचें मढें   कधी ना कधी   ना करी सारकें   घरचा ना घाटचा   घरापरी घर गेलें, बायको परी बायको गेली   देवु जाला लागी, मन गेलें दूर   वर वर्‍हाडास गेलें तरी घोडें करड   शेंडा ना बुडाखा   आगा ना पिच्छा   ना हरकत प्रमाणपत्र   धड हिंदु ना मुसलमान   বড় খবর   सनसनाटी बातमी   सनसनीखेज समाचार   سَنسٔنی خبر   नागव्याकडे उघडें गेलें, रात्र सारी हिंवानें मेलें   हाल खुशामत, ताजी रोटी   शीत ना रोस, जांभ्या फळार   तन गेले मन गेलें, म्‍हातारपणीं म्‍हण आलें, सरमडाचें मखर केलें, तेंहि वार्‍याने उडून गेलें   एक धड ना (एक ना धड), भाराभर चिंध्या   जें होणार चुकेचि ना विधिबळें, बेटा रडो ना रडो।।   तुका ना माका, घाल सुण्यास   गद्ध्याने खाल्‍लें पाप ना पुण्य   आधीं ना मधीं, तळिसंक्रात कधी   एक ना धड, भाराभर चिंध्या   हेंहि गेलें तेंहि गेलें   द्रव्या(घना)परी द्रव्य गेलें, बायको परी बायको गेली   लाभ, मृत्यु आणि हानि हीं कोठेंहि गेलें तरी टळत नाहीं   दिवसां घोडें, रात्रीं मढें   दिसे मढें, येई रडें   मढें हलकें करणें   मढें हलकें होणें   देखे मढें, येई रडें   हत्तीचें मढें प्रेत   कांहीं ना टपाल, म्‍हणजे सगळे खुशाल   বাসনা   धड गाढव ना ब्रह्मचारीं   ਸਨਸਨੀ   સનસની   आलें गेलें   కోరికలు   ବାସନା   ਵਾਸਨਾ   વાસના   आकाङ्क्षा   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP