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ग्रहलाघव
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - परिचय
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - मध्यमग्रहसाधनाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - रविचन्द्रस्पष्टीकरणपञ्चाङ्गानयनाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - पञ्चतारास्पष्टीकरणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - त्रिप्रश्राधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - चन्द्रग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - सूर्यग्रहणाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - मासगणाद्ग्रहणद्वयसाधनाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - ग्रहणद्वयसाधन
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - अथास्तोदयाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - ग्रहच्छायाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - नक्षत्रच्छायाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - श़ृङ्गोन्नत्यधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - ग्रहयुत्याधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - पाताधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - पञ्चाङ्गचन्द्रग्रहण
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ग्रहलाघव - नयनाधिकार
ज्योतिषशास्त्रसे कालज्ञान , कालगती ज्ञात होती है , इसलिये इसे वेदका एक अंग माना गया है ।
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ज्योतिष शास्त्र
भारतके महान, बुद्धिमान ऋषीमुनीयोंने, सृष्टीमे जो भी चमत्कार होते है, वह जाननेकी जिज्ञासा तृप्त करनेके लिये, समस्त मानवजातीको नानाविध शास्त्रोंके जन्म..
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ज्योतिर्मयूख - योग आणि काल
ज्योतिष हा विषय वेदांइतकाच प्राचीन आहे.