भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - शिवाचतुर्थी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


शिवाचतुर्थी

( भविष्यपुराण ) - शिवा, शान्ता और सुखा - ये ३ चतुर्थी होती हैं । इनमें भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीकी ' शिवा ' संज्ञा है । इसमें स्त्रान, दान, जप और उपवास करनेसे सौगुना फल होता है । स्त्रियाँ यदि इस दिन गुड़, घी, लवण और अपूपादिसे अपने सास - श्वशुर या माँ आदिको तृप्त करे तो उनके सौभाग्यकी वृद्धि होती है । ( माघ शुक्ल चतुर्थी शान्ता और भौमप्रयुक्त सुखा होती है । )

( भविष्यपुराण ) - शिवा, शान्ता और सुखा - ये ३ चतुर्थी होती हैं । इनमें भाद्रपद शुक्ल चतुर्थीकी ' शिवा ' संज्ञा है । इसमें स्त्रान, दान, जप और उपवास करनेसे सौगुना फल होता है । स्त्रियाँ यदि इस दिन गुड़, घी, लवण और अपूपादिसे अपने सास - श्वशुर या माँ आदिको तृप्त करे तो उनके सौभाग्यकी वृद्धि होती है । ( माघ शुक्ल चतुर्थी शान्ता और भौमप्रयुक्त सुखा होती है । )

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Last Updated : January 21, 2009

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