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धाय धरो हरि चरण सबेरे ॥ ...

भजन - धाय धरो हरि चरण सबेरे ॥ ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


धाय धरो हरि चरण सबेरे ॥

को जाने कै बार फिरे हम चौरासी के फेरे ।

जन्मत-मरत दुसह दुख सहियत करियत पाप घनेरे ॥

भूलि आपनो भूप रूप भये काम कोह के चेरे ।

'केशी' नेक लही नहि थिरता काल कर्मके पेरे ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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