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जागहु पंथी भयउ बिहाना ॥ ...

भजन - जागहु पंथी भयउ बिहाना ॥ ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


जागहु पंथी भयउ बिहाना ॥

सोवत बीती सारी रैनिया अब उठि करहु पयाना ।

मेरु श्रृंगपर बैठि मुदित मन करिय रामको ध्याना ॥

चखनि-झखनिको तिरबेनी महँ तारिय बोरिय प्राना ।

'केशी' राम-नामकी धूनी सबहिं चिताय जगाना ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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