भजन - लजीले , सकुचीले , सरसीले ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


लजीले, सकुचीले, सरसीले, सुरमीलेसे

कटीले औ कुटीले चटकीले मटकीले हैं ।

रुपके लुभीले कजरीले उनमीले, बर-

छीले तिरछीलेसे फँसीले औ गँसीले हैं ॥

ललितकिसोरी झमकीले, गरबीले मानों

अति ही रसीले, चमकीले और रँगीले हैं ।

छबीले, छकीले, अरु नीलेसे, नसीले आली,

नैना नँदलालके नचीले औ नुकीले हैं ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 22, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP