संध्यास्तुति

प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.


संध्यास्तुति

ब्राम्हणरुपी वृक्षका मूल संध्या है, चारों वेद चार शाखाएँ है, धर्म और कर्म पत्ते है। अंत: मूलकी रक्षा यत्नसे करनी चाहिये। मूलके छिन्न हो जानेपर वृक्ष और शाखा कुछ भी नही रह सकते है-

विप्रो वृक्षो मूलकान्यत्र संध्या वेदा: शाखा धर्मकर्माणि पत्रम्।
तस्मान्मूलं यत्नतो रक्षणीयं छिन्ने मूले नैव वृक्षो न शाखा॥

समयपर की गयी संध्या इच्छानुसार फ़ल देती है और बिना समयकी की गयी संध्या वन्ध्या स्त्रीके समान होती है-

स्वकाले सेविता संध्या नित्यं कामदुधा भवेत।
अकाले सेविता सा च संध्या वन्ध्या वधूरिव॥

प्रात:कालमें तारोंके रहते हुए, मध्याह्रकालमें जब सूर्य आकाशके मध्यमे हो, सायंकालमें सुर्यास्तके पहले ही इस तरह तीन प्रकारकी संध्या करनी चाहिये-

प्रात: संध्यां सनक्षत्रां मध्यान्हे मध्यभास्कराम्॥
ससूर्यां पश्चिमां संध्यां तिस्त्र: संध्या उपासते।

सायंकालमें पश्चिमकी तरफ़ मुख करके जबतक तारोंका उदय न हो और प्रात:कालमें पूर्वकी ओर मुख करके जबतक सूर्यका दर्शन न हो, तबतक जप करता रहे-

जपन्नासीत सावित्रीम्प्रत्यगातारकोदयात्॥
संध्या प्राक्‍ प्रातरेवं हि तिष्ठेदासूर्यदर्शनात्।

गृहस्थ तथा ब्रम्हचारी गायत्रीके आदीमें ’ॐ’ का उच्चारण करके जप करे, और अन्तमें ’ॐ का उच्चारण न करे, क्योंकि ऐसा करनेसे सिध्दि नही होती है-

गृहस्थो ब्रम्हचारी च प्रणवाद्यामिमां जपेत।
अन्ते य: प्रणवं कुर्यान्नासौ सिध्दिमवाप्नुयात्॥

जपके आदिमें चौसठ कलायुक्त विद्याओं तथा सम्पूर्ण ऐश्वर्योका सिध्दिदायक ’गायत्री-ह्र्दय’ का तथा अन्तमें ’गायत्री-कवच’ का पाठ करे। ( यह नित्य-संध्यामें आवश्यक नही है, करे तो अच्छा है)-

चतुष्षष्टिकला विद्या सकलैश्वर्यसिध्दिदा।
जपारम्भे च ह्र्दयं जपान्ते कवचं पठेत्॥

घरमें संध्या-वन्दन करनेसे एक, गोस्थानमें सौ, नदी-किनारे लाख तथा शिवके समीपमें अनन्त गुना फ़ल होता है-

गृहेषु तत्समा संध्या गोष्ठे शतगुणा स्मृता।
नद्यां शतगुणा प्रोक्ता अनन्ता शिवसंनिधौ॥

पैर धोनेसे, पीनेसे और संध्या करनेसे बचा हुआ जल श्वानके मूत्रके मुल्य हो जाता है, उसे पीनेपर चान्द्रायण-व्रत करनेसे मनुष्य पवित्र होता है । इसलिये बचे हुए जलको फ़ेक दे-

पाद्शेषं पीतशेषं संध्याशेषं तथैव च।
शुनो मूत्रसमं तोयं पीत्वा चान्द्रायणं चरेत्॥

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Last Updated : November 26, 2018

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