हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|स्नानसे पूर्वके कृत्य|प्रात: स्मरणीय श्लोक| प्रकृतिस्मरण प्रात: स्मरणीय श्लोक प्रात: स्मरणीय श्लोक गणेशस्मरण विष्णुस्मरण शिवस्मरण देवीस्मरण सूर्यस्मरण त्रिदेवोंके साथ नवग्रहस्मरण ऋषिस्मरण प्रकृतिस्मरण पुण्यश्लोकोंका स्मरण प्रकृतिस्मरण प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा प्रकृतिस्मरण Translation - भाषांतर पृथ्वी सगन्धा सरसास्तथाप:स्पर्शी च वायुर्ज्वलितं च तेज: ।नभ: सशब्दं महता सहैवकुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ॥(वामनपु० १४।२६)'गन्धयुक्त पृथ्वी, रसयुक्त जल, स्पर्शयुक्त वायु, प्रज्वलित तेज, शब्दसहित आकाश एवं महत्तत्व -- ये सभी मेरे प्रात:कालको मड्गलमय करें ।'इत्थं प्रभाते परमं पवित्रं पठेत् स्मरेद्वा श्रृणुयाच्च भक्त्या । दु:स्वप्ननाशस्त्विह सुप्रभातं भवेच्च नित्यं भगवत्प्रसादात् ॥(वामनपु० १४।२८)'इस प्रकार उपर्युक्त इन प्रात:स्मरणीय परम पवित्र श्लोकोंका जो मनुष्य भक्तिपूर्वक प्रात: काल पाठ करता है, स्मरण करता है अथवा सुनता है, भगवद्दयासे उसके दु:स्वप्नका नाश हो जाता है और उसका प्रभात मड्गलमय होता है ।' N/A References : N/A Last Updated : November 25, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP