शिवस्मरण

प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.


प्रात: स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं
गड्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् ।
खट्‍वाड्गशूलवरदाभयहस्तमीशं
संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् ॥

'संसारके भयको नष्ट करनेवाले, देवेश, गंड्गाधर, वृषभवाहन, पार्वतीपति, हाथमें खट्वाड्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररुपी रोगका नाश करनेके लिये अद्वितीय औषध-स्वरुप, अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्तवाले भगवान् शिवका मैं प्रात:काल स्मरण करता हूँ ।'

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Last Updated : November 25, 2018

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