Dictionaries | References

ब्राम्हण भट, कढी आंबट

   
Script: Devanagari

ब्राम्हण भट, कढी आंबट

   पाठभेद - बामण भट कढी आंबट. ब्राह्मणलोक कढीभात खातात व दुबळे असतात.

Related Words

ब्राम्हण भट, कढी आंबट   आंबट   भट जात   भट जाति   आंबट चेरी   ब्राम्हण   कढी   भट   आंबट गोड   भट मोनथाय   भट पडप   भादवा भट   आंबट चेहरा करणें   भट पडो   भट चंडोल   गांड धुवून कढी करणें   कढी भात वरण घाटणें   बोलाचीच कढी, बोलाचाच भातः   भोजातिथि   कढी तव्यावर आणि भाकरी पातेल्‍यावर   भट मोनथाय गोनां   भट्ट   गू न्हय भट हागलो   तुझ्या कामांत भट पडो!   कामांत भट पडणें   पदरी नाहीं पडली, द्राक्षें आंबट झालीं   हात् तुझ्या कामांत भट पडो!   कोणत्‍याहि कामात भट पडूं नये   కడ్డీ   કઢી   ਕੜ੍ਹੀ   कढ़ी   ಪಳ್ಯ   खट्टा   भटः   भट भिकारी, अवसे पुनवेस जाय लोकांचे दारीं   भटास दिली ओसरी, भट हातपाय पसरी   आंबट कण्या   आंबट जावप   भटाला दिली ओसरी, भट हळूहळू पाय पसरी   भटाला दिली ओसरी, भट हातपाय पसरी   कुबटाची कढी   भट करीत ती अमाश्या, आणि राजा ठरयत ती दिशा   पुजारी   आचार्य   पुढें तिखट, मागें आंबट   भट होग्रा   पोकळधोत्र्या भट   ब्राम्हण तुपाचा लालची   कढी पातळ होणें   शेजीबाईची कढी, धांवधांव वाढी   बारा सुघरनी, कढी आळनी   بَتہٕ پوٚژھ   భోజాతిథి   ভোজাতিথি   ਭੋਜਤਿਥੀ   ଭୋଜନାତିଥି   വിരുന്നുകാരന്   भोजनातिथिः   भोजातिथी   મહેમાન   ಬೋಜನಾಥಿತಿ   sour   अम्ल   देवानिमतान भट खाता   पिकले काजूगरे, भट वरे   आंबटगोड   పులుపుగా వున్న   ब्राम्हण वंदावे वंदावे । कदापि न निंदावे ॥   ब्राम्हण शूद्राच्या तुटातुटी, तेणें वाढल्या कटाकटी   येरे माझ्या मागल्या, कण्या (कढी) भाकरी चांगल्या   আচার্যমশাই   آچاریہٕ جی   ঝাল   କଡ଼ି   शेट पडल्यार भट धांवता भट पडल्यार कोण धांवता?   तीर्थ आहे तर भट नाहीं, भट आहे तर तीर्थ नाहीं   भट आहे तर तीथ नाहीं, तीथ आहे तर भट नाहीं   விருந்தினர்   उभा रेट नी मुसळ भट   खट नट, त्‍याला गिर्‍हाईक भट   बाजारांत तुरी, भट भटणीला मारी   देवाला भट आणि मुलाला पंताजी   देवाला भट आणि मुलाला मास्तर   हाटांत तुरी, भट भटणीला मारी   हटांत तुरी, भट भटणीला मारी   টেঙা   ખાટું   പുളിയുള്ള   ಹುಳಿಯಿರುವ   काळा ब्राम्हण गोरे शूद्र, यांस पाहून कोपे रुद्र   ब्राम्हण झाला जरी भ्रष्ट । तरी तो तिन्ही लोकीं श्रेष्ट ॥   आषाढीं तट, श्रावणी भट, भादवी कुणबट   जोडला तरी भट, मोडला तरी गृहस्‍थ   होते आंबे गरे, तोंवर भट बामण बरे   भाकर भाजली, पोळी करपली, कढी बिघडली सैंपाकीण भली   मोलाचा भात आंखडला हात, फुकाची कढी धांवून धांवून वाढी   اَگَن   اَگَنِ   அகன்   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP