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बावरली गाय, कांटे खाय

   
Script: Devanagari

बावरली गाय, कांटे खाय

   गाय घाबरुन तिला कांहीं सुचेनासें झालें म्हणजे गवत सोडून कांट्याहि खाऊं लागते त्याप्रमाणें मनुष्य गोंधळून गेला म्हणजे भलतीच गोष्ट करुं लागतो.

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