Dictionaries | References

गाय रुतली चिखलामाजी, तिची न घे कुणी काळजी

   
Script: Devanagari

गाय रुतली चिखलामाजी, तिची न घे कुणी काळजी

   चिखलात रुतलेल्‍या गरीब गायीकडे कोणीहि बघत नाही. अडचणीत मनुष्‍याला कोणी मदत करीत नाही.

Related Words

गाय रुतली चिखलामाजी, तिची न घे कुणी काळजी   गाय   काळजी घेणे   कलोर गाय   दुदाळ गाय   दुधारू गाय   दुभती गाय   कुणी   वियेल्ली गाय   तानी गाय   पाडी (गाय)   गाय माय, तिची सेवा करीत जाय      काळजी घेवप   न न   ن(न)   मोसौ गाय   धर्माची गाय, कांट्या खाय   काळजी   तांबडी गाय   गाय मारकी असती, तिची शिंगे लाब नसती   धर्माची गाय, कांटे (कांटया) खाय   milch cow   स्त्रीगवी   अडकली गाय, फटके खाय   दिली गाय, तिची आशा काय   काम न आना   गाय बकुला   गाय बगला   गाय मोसौ   दुधड गाय   दुधार गाय   दुधाळू गाय   दुधैल गाय   तान्ही गाय   गोवर्धनी गाय   कपिला गाय   पांढरी गाय   गाय होणें   धर्माची गाय   नील गाय   अल्लाची गाय   गाय बगुला   भुंडी गाय   गाई   घे घोडा पी पाणी   खाटकाला शेळी धार्जिण, कसायाला गाय धार्जिण   कसाबास गाय धरजिणी   वासरांत लंगडी गाय प्रधान   जेथे फार पुंजी, तेथें फार काळजी   अडली गाय फटके खाय   बकर्‍याच्या आई! किती काळजी करशील बाई!   घे कुंचला कीं लाग फिरवायला   गाय माय सारखी   लवाई   गरीब गाय, गळ्यांत पाय   शेंला शेळी, हजारास गाय   जेथे गाय तेथे वासरूं   धर्माची गाय, तोंडाकडे पाहाय   मेरी गाय बह्मनको दान   कसायाला गाय धारजिणी   वासरांत लंगडी गाय शहाणी   बावरली गाय, कांटे खाय   म्हातारी गाय ब्राह्मणाला दान   मरी गाय बम्हनको दान   milcher   milk cow   milker   dairy cattle   dairy cow   खाटकाला शेळी (गाय) धारजिणी   बाल बाँका नहीं करना   कपिला   ଅରୁଣା   अरुणी   moo-cow   गरीबाची गाय आणि तोंडाकडे पाह्य   कामी न येणे   अंधळ्या गायींत लंगडी गाय प्रधान   बायल घोवा मार्ताली, आनि लजेलागून घोव म्हणालो, घे रांडे! घे रांडे!   जेथें गाय व्याली, तेथेंच खूर खांडावे   गाय अपवित्र आणि शेपूट पवित्र   घे मेरे पाउणे पांच   नीलगाय   काळजी असणे   काळजी करणे   काळजी वाटणे   न देवाय न धर्माय   न भूतो न भविष्यति   न पुत्रो न पुत्री   खयाल करना   न घे ऐकून कोणाचें, कान फार बधीर त्याचे   দুধেল গাভী   ਦੁੱਧਲ ਗਾਂ   ଦୁଧିଆଳୀ ଗାଈ   દુધારી ગાય   खरकट्या हातानें कावळा न हाकणें   घे मणी डोरलें, तुझें माझें सरलें, काहीच नाहीं उरलें   घे उदी नि होय सुदी   गाय तर विकावयास पाही, दुधावांचून सरत नाहीं   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP