Dictionaries | References श श्वेताश्वतर उपनिषद श्वेताश्वतर उपनिषद;Śvetāśvatara-upaniṣad Variations : श्वे. उ.; श्वेत.उ.; Śvetāśvatara Upaniṣad; Svet. Up.; Svet. Up. ; Śvet.; Śevt. Up.; Śwet. Up.; ŚvetUp. अंगिरस् अरूप अलोलुपत्व अवर्ण अस् आकृति आजीव आत्मतत्त्व आत्मन् आत्मभाव आत्मयोनि आदा आनन्त्यम् आप्य आर आराग्र आरोग्यम् आश्रयण आस्था इतर इषु ईश ईशन ईशसंस्थ ईशितृ ईशिन् ईश् उच्छ्वस् उत्तरतर उद्गै उद्भव उन्नत उपभोक्तृ ऊर्णनाभ ऊर्णम् एकहंस कपिल करण कर्मक्षय कर्माध्यक्ष कलिल कालकार किंकारण कृ कृत कृतार्थ कॢप् क्लेश क्षर क्षीण क्षेत्रज्ञ गुणान्वय गुणाभास गुणिन् गुणेश गुहा गुहाशय गृह्य गोपा ग्रहीतृ ग्रह् ग्रासाम्बु चक्षुपीडन चर चर्मवत् चित्त चिन्त्य चेतन चेतयितृ चेतृ चेष्टा जनितृ जन्तु जवन जाल जालवत् जीव ज्ञ ज्ञेय तडिद्गर्भ तत्त्व तत्त्वभाव तत्पर तद्वत् तन्मय तेजोमय त्रिकाल त्रिगुण त्रिरुन्नत त्रिवर्त्मन् दधि दातव्य देव देवात्मन् देवात्मशक्ति देहभेद धा ध्यानयोग निकाय नियति निरोध पञ्चक्लेशभेद पञ्चपर्व पञ्चात्मक पञ्चावर्त पतत्रम् परिणम् परिमुह् परिवेष्टितृ पाच्य पुनर्जन्म पूर्व्य प्रचोदित प्रजापति प्रत्यर प्रत्यरा प्रधान प्रयुज् प्रवद् प्रवृत्ति प्रसमीक्ष्य प्रसृत प्रहाणि प्राणाधिप प्राप्ति प्रेरितृ बन्ध बिम्ब बृहन्त ब्रह्मचक्र भक्ति भगेश भयावह भवभूत भाव भावग्राह्य भुक्तभोग्य भुवनेश मण्ड मन्वीश महा महेश्वर मायिन् मृदा यथानिकायम् यदृच्छा यद् योग योगाग्निमय योनिमुक्त रुद्र-शिव लघुत्व लिङ्गनाश लीन लॄ लोहितकृष्णवर्ण लोहितशुक्लकृष्ण लोहिताक्ष वक्र वरद वालुका वाह विधा विनियुज् विनिवृत् विभुत्व विवृत् विवृद्ध विश्वधामन् विश्वयोनि विश्वविद् विश्वाधिप वीतशोक वेग वेत्तृ वेदगुह्य वेदगुह्योपनिषद् वेद्य वेष्ट् व्यापिन् व्याप्त शतभाग शतार्धार शशिन् शुभ श्रुतिमत् श्वेताश्वतर संकल्पन संकुप् संजन् संनिरुध् संयुक्तम् संयुज् संसारमोक्ष संसृज् समन्वित समुत्थित समे सम्भव सर्वतःपाणिपाद सर्वतःश्रुतिमत् सर्वतोक्षिशिरोमुख सर्वभूतगुहाशय सर्वविद्य सर्वसंस्थ सर्वाजीव सर्वाधिपत्य सव सांख्य सुखेतर सुधात सुप्रतिष्ठा स्तब्ध स्था स्थिति स्पर्शन स्फटिक स्रष्टृ स्रोतस् स्वभाव हृदिस्थ Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP