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धनेश्वर n. अवन्ती नगरी का एक पापी ब्राह्मण । यह निषिद्ध पदार्थो का व्यापार करता था । एक बार व्यापार के लिये यह माहिष्मती नगरी में गया । कार्तिक माह होने के कारण, अनेक पुण्यात्माओं से, तथा कीर्तन, पुराण, भजन, गायन आदि से उसका संबंध सहजवश आ गया । त्रिपुरी पौर्णिमा का दीपोत्सव भी इसने देखा । उसी रात्रि को सर्पदंश के कारण, इसकी मृत्यु हो गयी । यम ने इसे एक कल्प तक नर्क में रखने के लिये कहा । किन्तु उस नर्क के अग्निकुंड में भी यह बिनाकष्ट जीवित रहा । माहिष्मती नगरी में इसने किये हुए पुण्य का यह फल है, ऐसा नारद ने यम को बताया । नारद की सूचनानुसार यम ने इसे यक्ष योनि में भेज दिया । वहॉं यह कुबेर का सेवक बना [पद्म.उ.११३-११४] ;[स्कंद.२.४.२९] ।
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धनेश्वर m. m. ‘treasure-lord’,
N. of कुबेर, [MBh.]
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Rich, opulent, wealthy.
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N. of a Brāhman, [PadmaP.]
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