शक्तिसेन n. (सो. वृष्णि.) एक यादव राजा, जो मत्स्य एवं पद्म के अनुसार निघ्न राजा का पुत्र था । विष्णु एवं भागवत में इसे ‘सत्राजित्’, एवं वायु में इसे ‘शक्रजित्’ कहा गया है
[मत्स्य. ४५.३] ;
[वायु. ९६.२०-२९] । यह परम सूर्यभक्त था, जिसने इसे ‘स्यमंतक’ नामक दिव्य मणि दिया था । इसी ‘स्यमंतक’ मणि के कारण, इसका कृष्ण से संघर्ष हुआ। किंतु अंत में इसे यह मणि पुनः प्राप्त हुआ। इसकी कुल दस पत्नीयाँ थी, जिनसे इसे सौ पुत्र उत्पन्न हुए थे । इसके पुत्रों में भंगकार, व्रतपति, एवं अपस्वान्त प्रमुख थे
[वायु. ९६.५०-५३] ।
शक्तिसेन II. n. (सो. विदू.) एक राजा, जो मत्स्य के अनुसार शोणाश्र्व राजा का पुत्र था ।