वैशालिनी n. अविक्षित् राजा की पत्नी, जो मरुत्त आविक्षित राजा की माता थी । इसके पिता का नाम विशाल था । इसके स्वयंवर के समय अविक्षित् राजा ने इससे विवाह करना चाहा। किन्तु अन्य राजाओं ने उसे पराजित कर, इसका पुनःस्वयंवर करने की आज्ञा विशाल राजा को दी। किन्तु इसी समय, अविक्षित् राजा के पिता करंधम ने उपस्थित राजाओं को परास्त कर इसका हरण किया, एवं अपने पुत्र अविक्षित् से इसका विवाह कराया। अविक्षित् राजा से इसे मरुत्त आविक्षित नामक पुत्र उत्पन्न हुआ था, जो अपने समय का सर्वश्रेष्ठ सम्राट् था । इसके पति अविक्षित् के द्वारा सर्पयज्ञ किये जाने पर, इसने अपने पुत्र मरुत्त के द्वारा सर्पों को अभय दिया था
[मार्कं. ११९-१२६] । इसके अतिरिक्त अविक्षित् राजा की निम्नलिखित पत्नीयाँ थी, जो सभी उसे स्वयंवर में प्राप्त हुई थीः-- १. हेमधर्मकन्या वरा; २. सुदेवकन्या गौरी; ३. बलिकन्या सुभद्रा; ४. वीरकन्या लीलावती; ५. वीरभद्रकन्या विभा; ६. भीमकन्या मान्यवती, एवं ७. दंभकन्या कुमुद्वती
[मार्कं. ११९.१६-१७] ।