Dictionaries | References व वखत पडे बांका तों गधेको कहना काका Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 वखत पडे बांका तों गधेको कहना काका मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | Marathi Marathi | | बखत पहा. Related Words वखत पडे बांका तों गधेको कहना काका वखत बांका बखत पडे बांका, तो गद्धेकु कहना काका बांका जिल्लो बांका जिल्हा बांका जिला काका बांका शहर बांका ज़िला छोटा काका मोठा काका काका ससुरा दबी आवाज से कहना दबी जबान से कहना कहना प्रसंग पडे बाका, तो गद्धेकू बोले काका जों जों तोता (रावा) पढे, तों तों पिंझरेमें पडे जों जों राघू बोले तों तों अधिक पिंजर्यांत पडे जों जों राघू बोले, तों तों पिंजर्यात पडे जों जों रावा पढे, तों तों पिंजर्यांत पडे पडे, झडे, ज्ञान वाढे तों प्रसंग पडे बाका, तो गद्धेकू कहने लागे काका चाचा पोपट जों जों अधिक बोलतो तों तों पिंजर्यांत पडतो वारें आहे तों उपणून घ्यावें काका मामा केहेवाना, गांठन रोटला खावाना काका मामा गा, घरांत असेल तें खा काका मामा म्हणावें, गांठीं असेल तें द्यावें বাঁকা জেলা ਬਾਂਕਾ ਜ਼ਿਲਾ ବାଙ୍କା ଜିଲ୍ଲା બાંકા જિલ્લો बांकामण्डलम् उठा काका, तीन तुमचे आणि दोन माझे वखुत वख्त सुईण आहे तों बाळंतपण होऊन द्यावें कहना मानना अपशब्द कहना अलविदा कहना बुरा कहना ना कहना काका मामा केहेवाना, ने गांठे होय तो खावाना कथन तों तों चावळतें तों तों चावळे गड बांका नसावा पण गडपति बांका असावा जशी जशी वेळ पडे, तसतसे करणें (होणें) घडे भला-बुरा कहना हाँ-हूँ कहना বাঁকা শহর ବାଙ୍କା ସହର बांकानगरम् आत्मस्तुतीचा बांका नको फुंकूं फुका काका मामा करणें वेळ ना वखत, गाढव गेलें भोंकत वेळ ना वखत, पाहुणा गेला कुंथत शें तों भें, हजार तों बाजार, लाख तों काख शिजे तों राहवतें, निवे तों राहवत नाहीं जों जों मावळतें, तों तों चावळतें जों जों मावळतें, तों तों चावळे थोडी तों गोडी, फार तों लबाडी બાંકા சித்தப்பா வழியிலான জ্যাঠা ਤਾਇਆ କକାଶ୍ୱଶୁର ବଡ଼ବାପା പിതൃസഹോദര വല്യച്ഛന് അച്ഛന്റെ അനിയന് ज्येष्ठतातः ताऊ کاکھ ದೊಡ್ಡಪ್ಪ મોટા કાકા आपटून पडे, दंडवत घडे आपल्या चाडें, पासली पडे सहज पडे, दंडवत घडे आकाश गडगडे, पाणी पडे फासा पडे, अन्नाडी जिते धात पडे, मनुष्य तडफडे दौड चले, गीर पडे पडे झडे, माल वाढे पडे झडे, मूल वाढे पाऊस पडे, मोती गळे নির্দিষ্ট করা बापोलयो پیٚتٕر బాబాయ్ কাকা ਚਾਚਾ କକା કાકા पितृव्यः शिजे तों धीर धरवतो पण निवे तों धीर धरवत नाहीं जों जों कोळसा उगळावा तों तों काळा निघतो जों जों भिजे कामरी, तों तों भारी होय Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP