प्रत्यग्र n. (सो.ऋक्ष.) एक राजा, जो भागवत और विष्णु के अनुसार उपरिचर वसु के पुत्रों में से एक था
[म.आ.६४.४४] । वायु एवं मत्स्य में इसके नाम क्रमशः प्रत्यग्रह, तथा प्रत्यश्रवस् दिये गये हैं
[वा.रा.बा.३२.१-११] । यह ‘चैद्यवंश’ का अन्तिम राजा प्रतीत होता है, क्योंकि, इसके वंश की चली आई परंपरा का इतिहास इसके उपरांत लुप्तप्राय है । केवल तीन राजाओं के नाम भारतीय युद्धकाल में मिलते हैं जिसके नाम, दमघोष, शिषुपाल, और धृष्टकेतु है ।