Dictionaries | References न निखिल Meaning Pages Related A Sanskrit English Dictionary | sa en | | नि-खिल mfn. mf(आ)n. complete, all, whole, entire, [Up.]; [Mn.]; [MBh.] &c. See also: नि - खिल The Practical Sanskrit-English Dictionary | sa en | | निखिल [nikhila] a. a. [निवृत्तं खिलं शेषो यस्मात्] Complete, whole, entire, all; प्रत्यक्षं ते निखिलमचिराद् भ्रातरुक्तं मया यत् [Me.96;] सूर्यांशुभिर्जगदिदं निखिलार्थमेति [Bil. Ch.29.] -लेन ind. completely, totally; निखिलेन विचिन्वन्तौ सीतां दशरथात्मजौ [Rām. 3.61.2.] Shabda-Sagara | sa en | | निखिल mfn. (-लः-ला-लं) All, entire, complete. E. नि negative, खिल de- fective. निवृत्तं खिलं शेषो यस्मात् . See also: नि - खिल - निवृत्तं खिलं शेषो यस्मात् . A dictionary, Marathi and English | mr en | | nikhila a S All or the whole. With reference to number or to quantity, Aryabhushan School Dictionary | mr en | | a All or the whole. Related Words SUGGEST A NEW WORD! निखिल : Folder : Page : Word/Phrase : Person Search results No pages matched! Related Pages | Show All श्रीदत्त विजय - अध्याय चवथा श्रीदत्त विजय - अध्याय चवथा सिद्धसिद्धान्तपद्धतिः - चतुर्थोपदेशः सिद्धसिद्धान्तपद्धतिः - चतुर्थोपदेशः भद्राचलरामचूर्णिका - ॐ श्रीमदखिलाण्डकोटि ब्रह्... भद्राचलरामचूर्णिका - ॐ श्रीमदखिलाण्डकोटि ब्रह्... आर्या सप्तशती - घ-कार-व्रज्या आर्या सप्तशती - घ-कार-व्रज्या तेवीस अक्षरी वृत्तें - विकृति तेवीस अक्षरी वृत्तें - विकृति प्रासंगिक कविता - उत्तर प्रासंगिक कविता - उत्तर आर्या सप्तशती - ऋ-कार-व्रज्या आर्या सप्तशती - ऋ-कार-व्रज्या रामचंद्राचीं आरती - दशरथ राजकुमारा धृत मुक्ता... रामचंद्राचीं आरती - दशरथ राजकुमारा धृत मुक्ता... अहिल्योद्धार अहिल्योद्धार वेदांत काव्यलहरी - आरत्या वेदांत काव्यलहरी - आरत्या श्रीरुक्मिणीहरणसंदर्भ चूर्णिका - इत्थं नवनीरदनिर्गत-संस्फु... श्रीरुक्मिणीहरणसंदर्भ चूर्णिका - इत्थं नवनीरदनिर्गत-संस्फु... सङ्कष्टहरणं गणेशाष्टकम् - ॐ अस्य श्रीसङ्कष्टहरणस्तो... सङ्कष्टहरणं गणेशाष्टकम् - ॐ अस्य श्रीसङ्कष्टहरणस्तो... वारांची गीते - गुरुवार वारांची गीते - गुरुवार श्री महालक्ष्मीस्तवम् - मयि कुरु मङ्गलमंबुजवासिनि... श्री महालक्ष्मीस्तवम् - मयि कुरु मङ्गलमंबुजवासिनि... श्री महालक्ष्मीस्तवम् - मयि कुरु मङ्गलमंबुजवासिनि... श्री महालक्ष्मीस्तवम् - मयि कुरु मङ्गलमंबुजवासिनि... सुमित्रानंदन पंत - स्वप्न पट ! सुमित्रानंदन पंत - स्वप्न पट ! अध्याय १४ वा - श्लोक ५१ ते ६१ अध्याय १४ वा - श्लोक ५१ ते ६१ रामराज्य वियोग रामराज्य वियोग चार अक्षरी वृत्तें - प्रतिष्ठा चार अक्षरी वृत्तें - प्रतिष्ठा संगीत सौभद्र - पुष्पपरागसुगंधित शीतल अति... संगीत सौभद्र - पुष्पपरागसुगंधित शीतल अति... मुक्तेश्वरांची कविता मुक्तेश्वरांची कविता पवित्र उपदेश - श्लोक १ ते १० पवित्र उपदेश - श्लोक १ ते १० पदे १ ते ४ पदे १ ते ४ अध्याय २० वा - आरंभ अध्याय २० वा - आरंभ बारा अक्षरी वृत्तें - जगती बारा अक्षरी वृत्तें - जगती श्री राजराजेश्वरी चूर्णिका - श्रीमत् कमलापुर कनकधराधरव... श्री राजराजेश्वरी चूर्णिका - श्रीमत् कमलापुर कनकधराधरव... रघुवीर गद्यं - जयत्याश्रित संत्रास ध्वान... रघुवीर गद्यं - जयत्याश्रित संत्रास ध्वान... दत्तलहरि दत्तलहरि ॥ श्री गुरू गोरक्षनाथाष्टक ॥ ॥ श्री गुरू गोरक्षनाथाष्टक ॥ पार्वतीखण्डः - अध्यायः २७ पार्वतीखण्डः - अध्यायः २७ अमृतानुभव - वाचाऋणपरिहार अमृतानुभव - वाचाऋणपरिहार अध्याय ६९ वा - श्लोक ६ ते १० अध्याय ६९ वा - श्लोक ६ ते १० अध्याय २३ वा - आरंभ अध्याय २३ वा - आरंभ अन्वयव्यतिरेक - चतुर्थ: समास: अन्वयव्यतिरेक - चतुर्थ: समास: संगीत सौभद्र - निजरूपी जगदाकृतिभासा कारण... संगीत सौभद्र - निजरूपी जगदाकृतिभासा कारण... अध्याय २६ वा - श्लोक १६ ते २० अध्याय २६ वा - श्लोक १६ ते २० अध्याय ३० वा - श्लोक ६ ते १० अध्याय ३० वा - श्लोक ६ ते १० अध्याय ३७ वा - आरंभ अध्याय ३७ वा - आरंभ श्रीरघुवीरगद्यम् - श्रीमद्वेदान्तदेशिककृतं म... श्रीरघुवीरगद्यम् - श्रीमद्वेदान्तदेशिककृतं म... श्री राजराजेश्वरी चूर्णिका - श्रीमत् कमलापुर कनकधराधरव... श्री राजराजेश्वरी चूर्णिका - श्रीमत् कमलापुर कनकधराधरव... अध्याय १० वा - आरंभ अध्याय १० वा - आरंभ अध्याय ८३ वा - श्लोक २१ ते २६ अध्याय ८३ वा - श्लोक २१ ते २६ अध्याय १५ वा - श्लोक १ ते ३ अध्याय १५ वा - श्लोक १ ते ३ प्रस्तावना - श्लोक १ ते १० प्रस्तावना - श्लोक १ ते १० कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः १७ कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः १७ कपालीश्वराष्टकम् - असितगिरिसमं स्यात् कज्जलं... कपालीश्वराष्टकम् - असितगिरिसमं स्यात् कज्जलं... पदे १ ते ७ पदे १ ते ७ मुकुन्दमुक्तावली - नवजलधरवर्णं चम्पकोद्भासिक... मुकुन्दमुक्तावली - नवजलधरवर्णं चम्पकोद्भासिक... चांगदेव पासष्टी चांगदेव पासष्टी अन्वयव्यतिरेक - द्वितीय: समास: अन्वयव्यतिरेक - द्वितीय: समास: | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP