Dictionaries | References क कौसल्या Meaning Pages Related A Sanskrit English Dictionary | sa en | | कौसल्या f. af. ‘daughter of a prince of the कोसलs’, N. of the wife of पूरु and mother of जनम्-एजय, [MBh. i, 3764] of the wife of सत्वत्, [Hariv. 1999] of दश-रथ's wife (mother of राम-चन्द्र), [MBh. iii, 15879]; [R.] of the mother of धृत-राष्ट्र, [L.] of the mother of पाण्डु, [L.] कौसल्या b (f. of °ल्यq.v.) प्राचीन चरित्रकोश | hi hi | | कौसल्या n. कोसल देश के भानुमान राजा की कन्या तथा राजा दशरथ की पटरानी । इसे हजार गॉंव स्त्री-धन के स्वरुप में नैहर से मिले थे [वा.रा.अयो. ३१.२२-२३]। इसका पुत्र रामचंद्र । यह दशरथ की पहली स्त्री थी । राम को युवराज्यभिषेक करने की बात निश्चित हुई । यह समाचार कौसल्या को राम के द्वारा ही मिला । कैकेयी को बताने के लिये राजा स्वयं गया था । भरत के कहने से पता चलता है कि, कौसल्या कैकेयी के साथ वहन सा व्यवहार करती थी [वा.रा.अयो. ७३. १०] । परंतु कैकेयी एवं उसके परिवार के लोग बार बार इसका अपमान करते थे । वा.रा.अयो.२०.३९) । कैकेयी व्यंगवचनोम से इसका मर्मभेद करती थी [वा.रा.अयो.२०.४४]। राम इसके पास वन जाने के लिये अनुमति मॉंगने गया । तब लक्ष्मण ने, पिता का निग्रह कर राज्य पर अधिकार करने का उपाय सुझाया । उस समय कौसल्या ने प्रच्छन्न रुप से संमति दी [वा.रा.अयो.२१.२१]। संभवतः निरुपाय हो कर इसने संमति दी होगी । राम को इस बात की स्पष्ट कल्पना थीं कि, वन जाने के बाद माता की कुछ भी कदर नहीं होगी [वा.रा.अयो.३१.११]। पंद्रहवें वर्ष राम के लौटेन पर भरत राज्य एवं कोश लौटा देगा, इसकी संभावना न थी [वा.रा.अयो.६१.११]। राम के वन चले के बाद, यह दशरथ से मर्मस्पर्शी बातें करने लगी । उस समय दयनीय अवस्था में दशरथ ने कौसल्या को हात जोडे । तब कौसल्या को अपनी भूल ध्यान में आयी । पुत्रशोक से व्याकुल होने के कारण, कटुवचन कहे, यह बात उसने मान्य की [वा.रा.अयो.६२.१४]। यह मृदु स्वभाव की थी । पतिसुख से वंचित तथा सौतद्वारा सताये जाने के कारण, यह उदासीन वृत्ति से रहती थी । इस वृत्ति का राम के चरित्र पर बहुत परिणाम हुआ । राम के चरित्र में अंतर्भूत धार्मिकता का अंश इसी की देन थी । कौसल्या II. n. काशीराज की कन्या अम्बिका [म.आ.१००.४.१०७५]। कौसल्या III. n. कृष्णपिता वसुदेव की एक पत्नी । Puranic Encyclopaedia | en en | | KAUSALYĀ I A queen of King Daśaratha and mother of Śrī Rāma. Daśaratha had three wives Kausalyā, Kaikeyī and Sumitrā. Kausalyā gave birth to Śrī Rāma, Kaikeyī to Bharata and Sumitrā to Lakṣmaṇa and Śatrughna. [Vālmīki Rāmāyaṇa, Bāla Kāṇḍa, Sarga 16]. KAUSALYĀ II Queen of the King of Kāśī. Ambā, Ambikā, and Ambālikā were daughters of this Kausalyā. Of these daughters Ambālikā also was called Kausalyā. After the death of Pāṇḍu she went to the forest with Ambikā. [M.B. Ādi Parva, Chapter 129]. KAUSALYĀ III The queen of a Yādava King. She was the mother of the Yādava named Keśin. [Devī Bhāgavata, Skandha 9]. KAUSALYĀ IV Wife of Puru, the son of King Yayāti. Janamejaya was born to Puru of his wife Kausalyā. [M.B. Ādi Parva, Chapter 95, Stanza 11]. KAUSALYĀ V The queen of Janaka, the King of Mithilā. Once King Janaka decided to sell his palace and everything he possessed and to go abegging for alms. But his brave wife Kausalyā convinced her husband by her reasonable arguments that he should not venture to do so. Thus she prevented her husband from carrying out his decision. Related Words SUGGEST A NEW WORD! कौसल्या : Folder : Page : Word/Phrase : Person Keyword Pages दशरथ कौसल्या विवाह हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत. : Folder : Page : Word/Phrase : Person Related Pages | Show All दशरथ कौसल्या विवाह दशरथ कौसल्या विवाह वारांची गीते - पाळणा वारांची गीते - पाळणा स्त्रीधन - राम आणि सीता स्त्रीधन - राम आणि सीता श्री रामाचीं पदें - पदे ७१ ते ८० श्री रामाचीं पदें - पदे ७१ ते ८० श्री रामाचीं पदें - ४१ ते ५० श्री रामाचीं पदें - ४१ ते ५० रूपक - गोंधळ रूपक - गोंधळ देवताविषयक पदे - पाळणा देवताविषयक पदे - पाळणा कुशलवोपाख्यान - अध्याय सहावा कुशलवोपाख्यान - अध्याय सहावा श्रीरामाचीं पदें - पद १ ते १० श्रीरामाचीं पदें - पद १ ते १० चिद्बोधरामायण - चतुर्थ सर्ग चिद्बोधरामायण - चतुर्थ सर्ग अध्याय दहावा - श्लोक ५१ ते १०० अध्याय दहावा - श्लोक ५१ ते १०० रामचंद्राचीं आरती - साफल्य निजवल्या कौसल्या म... रामचंद्राचीं आरती - साफल्य निजवल्या कौसल्या म... दत्त आरती - जयदेवी, जयदेवी, जय देववंद... दत्त आरती - जयदेवी, जयदेवी, जय देववंद... शिशुमतिकविकृत पद शिशुमतिकविकृत पद स्त्रीगीत - रामाचा पाळणा स्त्रीगीत - रामाचा पाळणा स्त्रीगीत - गाणे रामजन्माचे स्त्रीगीत - गाणे रामजन्माचे रामचंद्राचीं आरती - दशरथे रामचंद्रा कौसल्या प... रामचंद्राचीं आरती - दशरथे रामचंद्रा कौसल्या प... मङ्गळाशासनम् मङ्गळाशासनम् रामचंद्राचीं आरती - स्वस्वरुपोन्मुबुद्धि वैदे... रामचंद्राचीं आरती - स्वस्वरुपोन्मुबुद्धि वैदे... अयोध्याकांडम् - काव्य १५१ ते २०० अयोध्याकांडम् - काव्य १५१ ते २०० कथाकल्पतरू - स्तबक ६ - अध्याय १४ कथाकल्पतरू - स्तबक ६ - अध्याय १४ बालकाण्ड - दोहा १९१ से २०० बालकाण्ड - दोहा १९१ से २०० अध्याय चवथा - श्लोक ५१ से १०० अध्याय चवथा - श्लोक ५१ से १०० श्रीवेङ्कटेशसुप्रभातम् - कौसल्या सुप्रजा राम पूर्व... श्रीवेङ्कटेशसुप्रभातम् - कौसल्या सुप्रजा राम पूर्व... भद्राचलरामचूर्णिका - ॐ श्रीमदखिलाण्डकोटि ब्रह्... भद्राचलरामचूर्णिका - ॐ श्रीमदखिलाण्डकोटि ब्रह्... चैत्र शु. ९ चैत्र शु. ९ विठ्ठल चित्रकवि विठ्ठल चित्रकवि भजन - धावत राम बकैयाँ , हो रामा... भजन - धावत राम बकैयाँ , हो रामा... रामाष्टोत्तरशतनामावलिः रामाष्टोत्तरशतनामावलिः बालकाण्डम् - काव्य २७ ते ५० बालकाण्डम् - काव्य २७ ते ५० देवताविषयक पदे - श्रीराम देवताविषयक पदे - श्रीराम माधवकविकृत पद माधवकविकृत पद तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ९ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग ९ पाळणा - जो जो रे जो जो श्रीरामचंद... पाळणा - जो जो रे जो जो श्रीरामचंद... मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग दुसरा मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग दुसरा कौसल्या कौसल्या श्रीहनुमानसेवा २ श्रीहनुमानसेवा २ श्रीरामजन्माख्यान श्रीरामजन्माख्यान कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः ३७ कोटिरुद्रसंहिता - अध्यायः ३७ रामाचे मंद भाग्य रामाचे मंद भाग्य अंगाईगीत - जो जो रे जो जो श्रीरामचंद... अंगाईगीत - जो जो रे जो जो श्रीरामचंद... श्रीरामचरित्र श्रीरामचरित्र पदसंग्रह - पदे ४११ ते ४१५ पदसंग्रह - पदे ४११ ते ४१५ श्रीरामजन्माचे अभंग श्रीरामजन्माचे अभंग आदिपर्व - अध्याय पंधरावा आदिपर्व - अध्याय पंधरावा वैशाख शुद्ध १ वैशाख शुद्ध १ सुप्रभात स्तोत्रम् सुप्रभात स्तोत्रम् देवताविषयक पदे - पाळणा देवताविषयक पदे - पाळणा लक्ष्मीनरसिंहसुप्रभातस्तोत्रम् - श्री यादगिरि लक्ष्मीनृसिं... लक्ष्मीनरसिंहसुप्रभातस्तोत्रम् - श्री यादगिरि लक्ष्मीनृसिं... षष्ठाष्टक - सप्तमोsध्याय: षष्ठाष्टक - सप्तमोsध्याय: | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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