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निवेदन - पितु मातु सहायक स्वामी...

’निवेदन’ मे प्रस्तुत जो भी भजन है, वे सभी विनम्र भावोंके चयन है ।


पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुमही एक नाथ हमारे हो ।

जिनके कछु और अधार नहीं , तिन के तुम ही रखवारे हो ॥

प्रतिपाल करो सगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो ॥१॥

भुलि है हम ही तुम को तुम तो, हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो ।

शुभ शान्ति निकेतन प्रेम निधे मन-मंदिर के उजियारे हो ॥२॥

उपकारन को कछु अंत नहीं, छिन ही छिन जो बिस्तारे हो ।

महाराज महा महिमा तुमरी, समझे बिरले बुधिवारे हो ॥३॥

इस जीवन के तुम जीवन हो, इन प्राणन के तुम प्यारे हो ।

तुम से प्रभु पाय प्रताप हरि, केहि के अब और सहारे हो ॥४॥

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Last Updated : January 22, 2014

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