आषाढ़ शुक्लपक्ष व्रत - महिषघ्रीव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


महिषघ्रीव्रत

( देवीभागवत ) -

इस निमित्त आषाढ़ शुक्ल अष्टमीको उपवास करके हरिद्राके जलसे स्त्रान करे, वैसे ही जलसे महिषघ्री देवीको स्त्रान करावे और केसर, चन्दन, धूप, कपूर आदिसे पूजन करे । नैवेद्यमें घी, चीनी और जौके संयोगसे बनाया हुआ पदार्थ अर्पण करे । ब्राह्मण और ब्राह्मणकुमारियोंको भोजन करावे, फिर स्वयं भोजन करे । इसके प्रभावसे सब प्रकारकी इष्ट - सिद्धि होती है ।

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Last Updated : January 16, 2012

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