वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - निम्बसप्तमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


निम्बसप्तमी ( भविष्योत्तर ) -

वैशाख शुक्ल सप्तमीको स्त्रानादि नित्यकर्म करके अक्रोध और जितेन्द्रिय रहकर नीमके पत्ते ग्रहण करे और

' निम्बपल्लव भद्रं ते सुभद्रं तेऽस्तु वै सदा । ममापि कुरु भद्रं वै प्राशनाद रोगहा भव ॥'

इस मन्त्रसे एक - एक पत्ता खाकर पृथ्वीपर शयन करे तथा अष्टमीको सूर्यनारायणका पूजन करके ब्राह्मणोंको भोजन करावे । उसके बाद स्वयं भोजन करे ।

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Last Updated : January 16, 2009

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