वैशाख कृष्णपक्ष व्रत - संकष्टचतुर्थी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


संकष्टचतुर्थी -

यह व्रत प्रत्येक महीनेकी कृष्णा चतुर्थीको किया जाता है । इसमें चन्द्रोदयतक रहनेवाली चतुर्थी ग्रहण की जाती है । यदि दो दिन ऐसी चतुर्थी हो तो ' मातृविद्धा प्रशस्यते ' के अनुसार तृतीयासे युक्त व्रत करना चाहिये । उस दिन सायंकालके समय स्त्रान करके गणेशजीका पूजन करे और चन्द्रोदय होनेपर उन्हें अर्घ्य दे ।

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Last Updated : January 16, 2009

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