वैशाख कृष्णपक्ष व्रत - वैशाखस्नान

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


वैशाखस्नान -

चैत्र शुक्ल पूर्णिमासे वैशाख शुक्ल पूर्णिमातक प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदयसे पूर्व किसी तीर्थस्थान नदी या कुआँ, बावली, सरोवर अथवा अपने घरपर ही शुद्ध जलसे स्त्रान करे और नित्यकृत्यके अतिरिक्त ' ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ' या ' हरे राम हरे राम०' मन्त्रका यथाशक्ति जप करके एक बार भोजन करे । इकतीस दिनातक ऐसा क्रम रखनेसे अनेक प्रकारके रोग और दोष दूर होते हैं एवं प्रभाव तथा पुण्य बढ़ता है ।

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Last Updated : January 16, 2009

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