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हमारे प्रभु कब मिलिहै घनश...

भजन - हमारे प्रभु कब मिलिहै घनश...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हमारे प्रभु कब मिलिहै घनश्याम ।

तुम बिन ब्याकुल फिरत चहूँ दिशि

मन न लहै बिश्राम ॥ हमारे प्रभु० ॥

दिन नहिं चैन रैन नहिं निदिया

कल न परे बसु याम ॥ हमारे प्रभु० ॥

जैसे मिले प्रभु बिप्र सुदामहिं

दीन्हें कंचन धाम ॥ हमारे प्रभु०॥

रूपकुँवरि रानी सरनागत

पूरन कीजे काम ॥ हमारे प्रभु० ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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