-
वासुकि n. नागों का एक राजा, जो कश्यप एवं कद्रू के पुत्रों में से एक था । इसकी पत्नी का नाम शतशीर्षा था [म. उ. ११५.४६०*] । जरत्कारु ऋषि की पत्नी जरत्कारु इसकी बहन थी [म. आ. ३५.३८९*] । देवासुरों के समुद्रमंथन के समय, यह मंथनदण्ड की रस्सी बन गया था [म. आ. १६-१२] । इसका निवासस्थान ‘नागधन्वातीर्थ’ में था, जहाँ देवताओं ने नागराज के पद पर इसका अभिषेक किया था धृतराष्ट्र नामक नाग ने इसे विष्णुपुराण कथन किया था, जो आगे चल कर इसने वत्स को कथन किया [विष्णु. ६.८.४६] । यह शिष्य का अनन्य भक्त था, एवं शिव के ही शरीर पर निवास करता था । त्रिपुरदाह के समय, यह शिव के धनुष की प्रत्यंचा, एवं उसके रथ का कूबर बन गया था [म. द्रो. परि. १.२५.१२] ;[क. २४.२५८*] ।
-
वासुकिः [vāsukiḥ] वासुकेयः [vāsukēyḥ] वासुकेयः N. of a celebrated serpent, king of snakes (said to be a son of Kaśyapa); सर्पाणामस्मि वासुकिः [Bg.1.28;] [Ku.2.38;] (hence वासुकेयस्वसा means 'the sister of the snake-god', an epithet of the deity Manasā; L. D. B.).
-
वासुकि n. जनमेजय के सर्पमित्र में इसके निम्नलिखित पंद्रह कुल जल कर भस्म हुएः- १. कोटिश; २. मानस; ३. पूर्ण; ४. शल; ५. पाल; ६. हलीमक; ७. पिच्छल; ८. कौणप; ९. चक्र; १०. कालवेग; ११. प्रकालन; १२. हिरण्यबाहु; १३. शरण; १४. कक्षक एवं १५. कालदन्तक [म. आ. ५२.५-६] । आस्तीक नामक ऋषि इसका भतिजा था, जिसने इसके बाकी कुलों का संहार से बचा लिया।
-
वासुकि m. m. (
fr. वसुक) N. of a divine being, [Gobh.] ; [Kauś.]
Site Search
Input language: