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उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम्।

   
Script: Devanagari

उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुंबकम्।

   जे खरेच उदार असतात ते आपले औदार्य आपपर भाव न ठेवतां सर्वत्र दाखवितात. -छच ५१. सबंध श्र्लोक-अयं निजः परो वेत्ति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटूंबकम्।।

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