Dictionaries | References क कठ उपनिषद काठकोपनिषद्|कठ उपनिषद;Kaṭha-upaniṣad Variations : काठकोपनिषद्; कठ उपनिषद;; काठकोपनिषद; क. उ.; Kaṭh; Kath. ; KaṭhUp.; Kāth. ११ अजीर्यत् अद्रिजा अधिप्रज्ञम् अनुविधाव् अब्रह्मण्य अभिनिःसृत अभीप्सिन् अमनस्क अल्पमेधस् अवश्य अवस्थित अवाक्शाख अवाप्त अविज्ञानवत् अविरत अवीरघ्नस्थ अव्यक्त अस्तमय आतप आपनेय आरुणि आलम्बन आश्चर्य इ इत्था ईश् उत्क्रमण उदयास्तमय उपलब्धव्य उपसेचन उपाश्रित उरुगाय ए एकादशद्वार औद्दालकि कवि कामभाज् कुतस् कृताकृत कॢप् क्वधःस्थ ख गति गह्वरेष्ठ गुहाहित गूढ गॄ गोचर गोजा ग्रन्थि चाक्षुष चिरजीविका चेतन चेतस् छन्दतस् जग्धतृण जन्तु जन्ममृत्यु जागरितान्त जीविका ज्ञातृ ज्ञान झॄ तत्त्वभाव तर्क तर्पणीय तुल्य तूर्य त्मन् त्रय त्रिकर्मकृत् त्रिणाचिकेत त्वादृश् दुग्धदोह दुरत्यय दुर्दर्श देवतामय द्रम् द्वितीयम् धर्म्य धारणा नचिकेत नचिकेतस् नाचिकेत नानार्थ निरिन्द्रिय निशित नृत्यगीत पञ्चाग्नि पण्डितम्मन्यमान पराक् पराङ् पराञ्च् परार्ध परिचर् परिदृश् पीतोदक पुरतस् पृथग्भाव प्रग्रह प्रणुद् प्रतिवद् प्रतीक्षा प्रतीत प्रत्यक् प्रत्यगात्मन् प्रभिद् प्रमाण प्रमुच् प्रयत प्रष्टृ प्रसद् प्रसाद प्राज्ञ प्रार्थ् प्रेष्ठ ब्रह्मजज्ञ ब्रह्मप्राप्त ब्रह्मसंसद् मदामद मध्य मन्द मर्त्यलोक महाभूमि मानस मानिन् मृत्यु मैथुन मोदनीय यथाश्रुतम् यम वैवस्वत रामा लब्धृ लभ्य लम्भनीय लुप् वक्र वरणीय वाङ्मनस् विगुप् विचित् विचेष्ट् विज्ञा वितृद् वित्तमय विद् विद्याभीप्सिन् विद्यार्थिन् विद्विष् विपरीत विपश् विविच् विषय वीतमन्यु वृष्ट व्यापक शरीरत्व शान्ति शोकातिग श्राद्धकाल श्रेयस् श्वोभाव संगत संग्रह संदृश् संधि संसार सत्यधृति सदश्व समनस्क समाश्रित सम्परिग्रह् सम्परी सर्व सर्ववेदस सि सुज्ञान सुमनस् सुविज्ञेय सूक्ष्म सूक्ष्मदर्शिन् सूनृता सृङ्का स्वयम्भू स्वर्गलोक हर्ष हर्षशोक हविष्मत् हा Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP