Dictionaries | References

लोभी मनुष्याची श्रद्धा, तृप्त होईना कदां

   
Script: Devanagari

लोभी मनुष्याची श्रद्धा, तृप्त होईना कदां

   लोभी ( हावर्‍या ) मनुष्याची इच्छा, अभिलाषा, केव्हाहि तृप्त होणें शक्य नसते. ज्याची इच्छा तृप्त होते, तो लोभीच नव्हे. अभिलाषेचें सातत्य हेंच लोभत्याचें लक्षण.

Related Words

लोभी मनुष्याची श्रद्धा, तृप्त होईना कदां   श्रद्धा   लोभी   तृप्त   श्रद्धा नाशिल्लो   तृप्त करणे   तृप्त होणे   लोभी धनी, सज्जनाला अवमानी   अश्रद्धेय   लालची   पोर होईना व सवत साहीना   આલંબ   ମାଧ୍ୟମ   content   सन्तुष्ट   श्रद्धा पात्र   श्रद्धा योग्य   लोभी माणूस धन जोडतो आणि उदार माणूस धन उधळतो   तृप्त करना   तृप्त करप   तृप्त जावप   तृप्त हुनु   तृप्त होना   बोहल्यावर का रंडकी होईना, भटास दक्षिणा मिळण्याशीं कारण   धेरै लोभी   غیر عقیدت مند   मनुष्याची धांव राजा पावेतों   satisfy   अधाशी   ಅಗೌರವದ   અશ્રદ્ધેય   অশ্রদ্ধেয়   ଅଶ୍ରଦ୍ଧେୟ   ਸ਼ਰਧਾਅਯੋਗ   ആദരിക്കപ്പെടാത്ത   गुरु लोभी चेला लालची   सुन साहीना, लेकरूं होईना   तृप्   तृप्त ज्‍याचे मन, तो सधन   लोभी लोभीयाचे ध्यानांत धन वसणें   faith   अवघें एक स्थानीं, ठेवूं नये कदां मानी   reverend   sublime   লোভী   सवत साहीना आणि लेंकरुं होईना   होईना कांहीं आन्‍ जिवाची लाही   अवघी गोष्ट ऐकल्यावरी, मनुष्याची परीक्षा करी   दुःखाची सत्ता मनुष्यावर, मनुष्याची नाहीं दुःखावर   ଲୋଭୀ   सन्तुष्ट गराउनु   संतुश्ट करप   ਸ਼ਰਧਾ   आलंब   ಶ್ರದ್ದೆ   devotedness   பேராசைக்காரன்   பேராசையான   లోభం   లోభి   ಅತಿಯಾಸೆ   അത്യാഗ്രഹമുള്ള   લાલચું   తృప్తిచెందినవ్యక్తి   সন্তোষী   સંતોષી   गोजोनग्रा   संतुश्ट   संतोषी   شُکُر گُزار   ಸಂತುಷ್ಟನಾಗಿರುವವ   ज्‍याचे त्‍याला होईना, पाहुणा दळून का खाईना   हातानें होईना, तोंड घेतें, करते घाई   हाताने होईना मुळा, तोंडाचा जाईना चाळा   contented   लुब्ध   आपले मन स्वाधीन नाही, बंधनी तो कदां न राही   শ্রদ্ধা   adoration   ଶ୍ରଦ୍ଧା   શ્રદ્ધા   मांजराला घराची आठवण राहते, नि कुत्र्याला मनुष्याची आठवण राहते   పినాసైన   ਕੰਜੂਸ   devotion   திருப்தியான   తృప్తియైన   সন্তুষ্ট   ତୃପ୍ତ   തൃപ്തനായ   ತೃಪ್ತನಾದ   गरीब गर्वी, लोभी धनी, पाहतां दुःख वाटे मनीं   پَژھ   religious belief   कांही प्राप्त होईना ज्‍यास, तो म्‍हणे मला आधींच त्रास   माझें मला होईना अन् पाहुणा दळून का खाईना   माथ्याचें दुखणें बरें होईना मुगुटानें, पायाचें न सुवर्ण जोडयानें   समाधानी   नकोरे नको जन्म तो रे भटाचा। कदां तृप्ति नाहीं सदा दीन वाचा॥   sate   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP