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यत्ने कृते यदि न सिध्यति कोऽत्र दोषः

   
Script: Devanagari

यत्ने कृते यदि न सिध्यति कोऽत्र दोषः

   ( सं.) यत्न करुनहि यश न मिळेल तर त्याचा दोष आपणाकडे मुळींच येत नाहीं.. सबंध श्लोक - उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मीः - दैवं प्रधानमिति कापुरुषा वदन्ति। दैवं विहाय कुरु पौरुष मात्मशक्तया - यत्ने कृते यदि न सिध्यति कोऽत्र दोषः॥

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