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न च घर्मो दयापरः।

   
Script: Devanagari

न च घर्मो दयापरः।

   प्राणिमात्रावर दया करणें सर्वात श्रेष्ठ धर्म होय. दया धरमका मूल है। (अ) क्षान्तितुल्यं तपो नास्ति संतोषान्न सुखं परम्‌। नास्ति तृष्णा समो व्याधिर्नं च धर्मों दयापरः॥(आ) न च विद्या समो बन्धुर्न च व्याधिसमो रिपुः। न चापत्यसमः ल्स्नेही च धर्मो दयापरः॥

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