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नारायणीं जरी घडे अंतराय। हो कां बापमाय, त्यजावीं तीं॥

   
Script: Devanagari

नारायणीं जरी घडे अंतराय। हो कां बापमाय, त्यजावीं तीं॥

   तुकाराम. जर परमेश्वराची सेवा करण्यांत व्यत्यय येत असेल तर आईबापांचा त्याग करावा.

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नारायणीं जरी घडे अंतराय। हो कां बापमाय, त्यजावीं तीं॥   बापमाय   हो   जरी   नारायणीं जरी झालें तें ओंगळ। करावा संभाळ, लागे त्याचा॥   अल्प अपराध जरी घडे, केल्या चाकरीवर पाणी पडे   कां   زری   राजा लुटी जरी प्रजाजनाला   कां तर   कां कीं   कां जें   जर   জরী   खालाम हो   मोन हो   इसारा हो   सुबुरुन हो   बादा हो   खस्थ हो   खिलि हो   गनाय हो   उदांथि हो   उन्दुनो हो   घुस हो   सान्तना हो   सफै हो   अभिसाब हो   जर हो   दन्द हो   दम हो   बलि हो   बाट्टा हो   बाधा हो   बिबुंसार हो   बिसना हो   बुंथिना हो   रोंथाय हो   मोनहै हो   रं हो   फिन हो   फोरमायथिना हो   फोरमायथि हो   फोरोंथाय हो   बजाय हो   बरना हो   ध्यान हो   नाम हो   सालिनो हो   सिन हो   होसिना हो   सामोल हो   जैसे हो   मानि हो   हो ना   थानो हो   गियान हो   जायगा हो   सोलोंथाय हो   गरीबाला कर्ज जरी, होतो बोभाट लोकांतरी   इंगिद हो   साजा हो   संकेद हो   रिपर्ट हो   हो करणें   हो भरणें   हो म्हणणें   साधु जरी झाला, भोग न सुटे तयाला   तृणतुल्‍य पुरुष जरी, सधन स्‍त्रीच्या बरोबरी   महाभारत कां माजवीता   brocade   जशी जशी वेळ पडे, तसतसे करणें (होणें) घडे   गैया खालामना हो   जै जोथोन हो   जै धोनि हो   जैसे भी हो   बाब्राब-जोब्राब खालाम हो   अगुणिया स्तव न करी, लक्ष्मी जरी त्याचे घरीं पाणी भरी   असते कडु मात्रा जरी, बहु चांगले गुण करी   दमडी रोकडी, कंबर कां वांकडी   विषापासून जरी मिळालें, तरी अमृत करुं नये निराळें   ब्राम्हण झाला जरी भ्रष्ट । तरी तो तिन्ही लोकीं श्रेष्ट ॥   खोटेंच बोलायचें मग थोडें कां? भुईवर निजायचें मग संकोच कां?   बोलायचें बोलून थोडें कां? रानांत निजून अडचण कां?   जरी झाला सदाचारी, तरी भिक्षा न मागावी घरोघरीं   अच्छा हो कि   कौड़ियों का हो जाना   मेल्याचें तळपट हो   मेल्या, तुझी रांड हो   होस हो करणें   होस हो जोडणें   होस हो देणें   होस हो मिळविणें   होस हो म्हणणें   होस हो लावणें   भटो तुमचें पोट हो कां वांकडेः तर म्हणाला   ଜରି   माणसासारखा माणूस, मग पाण्यासारखा कां मुततो?   सायास न घडे तें सहज घडे   ओ कां ठो करतां न येणें   
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