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आळशा ‘भिकणां भाज’ म्हण सांगली, आळशानं सांगलँ हरवी खावया

   
Script: Devanagari

आळशा ‘भिकणां भाज’ म्हण सांगली, आळशानं सांगलँ हरवी खावया

   (गो.) आळशाला सांगितले की, आठळ्या भाज
   तर तो म्हणतो हिरव्याच बर्‍या लागतात! आळशाला काम नको असते
   तेव्हां तो असेल ते आवडून घेतो. ‘आलसी’ पहा.

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