Dictionaries | References ज जेवणा रुचि आवइनें वाळ्यारि, विद्ये रुचि गुरुनें शिकरल्यारि Meaning Pages Related मराठी वाक्संप्रदाय - वाक्यप्रचार | mr mr | | (गो.) आईने वाढलेले अन्न रुचकर लागते आणि गुरूने शिकवलेली विद्या थोडी असली तरी ती अधिक फलदायक होते. Related Words SUGGEST A NEW WORD! रुचि चामड्या रुचि सुण्या गोत्तु जेवणा रुचि आवइनें वाळ्यारि, विद्ये रुचि गुरुनें शिकरल्यारि रुचि आसा, जिर्वण ना दुदा रुचि नातिलो चलो, पिठा उदकाक भुलूनु गेलो जेवणाची रुचि आणि गाण्याची गोडी ही लोकांच्या येथे असतें जेवणा दुसर्या हातानें औदाक पिवंचें, पटक्या घारा जेवणा पडचें : Folder : Page : Word/Phrase : Person Search results No pages matched! Related Pages | Show All मंदार मंजिरी - चित्रचातुरी मंदार मंजिरी - चित्रचातुरी सूत्रस्थान - अध्याय ०४ सूत्रस्थान - अध्याय ०४ गणपतीची आरती - आरती शुभनंदनाची। पदनतजनान... गणपतीची आरती - आरती शुभनंदनाची। पदनतजनान... निदानस्थान - अध्याय १२ निदानस्थान - अध्याय १२ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ९६ से १०० श्रीकृष्ण माधुरी - पद ९६ से १०० तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २२ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २२ सूत्रस्थान - अध्याय १३ सूत्रस्थान - अध्याय १३ निदानस्थान - अध्याय ७ निदानस्थान - अध्याय ७ रघुवीर गद्यं - जयत्याश्रित संत्रास ध्वान... रघुवीर गद्यं - जयत्याश्रित संत्रास ध्वान... अध्याय १४ वा - श्लोक २३ अध्याय १४ वा - श्लोक २३ अंगार्याचा उत्सव - आध्यात्मिक-कर्मयोग अंगार्याचा उत्सव - आध्यात्मिक-कर्मयोग सूत्रस्थान - अध्याय २२ सूत्रस्थान - अध्याय २२ सूत्रस्थान - अध्याय २० सूत्रस्थान - अध्याय २० सूत्रस्थान - अध्याय ०५ सूत्रस्थान - अध्याय ०५ अध्याय ५८ वा - आरंभ अध्याय ५८ वा - आरंभ दीपक अलंकारः - लक्षण १ दीपक अलंकारः - लक्षण १ मानसागरी - अध्याय ४ - मालव्ययोगफल मानसागरी - अध्याय ४ - मालव्ययोगफल श्री शंकराचार्य आरती श्री शंकराचार्य आरती गज्जलाञ्जलि - सखये, काय करूं मी ? मज का... गज्जलाञ्जलि - सखये, काय करूं मी ? मज का... सूर्यावलोकन व निष्क्रमण संस्काराचा निर्णय सूर्यावलोकन व निष्क्रमण संस्काराचा निर्णय गज्जलाञ्जलि - जातां टळूनि आवस वाढेल ह्र... गज्जलाञ्जलि - जातां टळूनि आवस वाढेल ह्र... पद - जगदंबे पद - जगदंबे अध्याय ४१ वा - आरंभ अध्याय ४१ वा - आरंभ श्री कामाक्षीस्तोत्र - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... श्री कामाक्षीस्तोत्र - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... अर्थालंकार - सार अर्थालंकार - सार आरती हरिहराची आरती हरिहराची विठ्ठल चित्रकवि विठ्ठल चित्रकवि श्री कामाक्षीस्तोत्रम् - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... श्री कामाक्षीस्तोत्रम् - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... प्रसंग पहिला - लेखन अनुभवी असावें प्रसंग पहिला - लेखन अनुभवी असावें श्री कामाक्षीस्तोत्रम् - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... श्री कामाक्षीस्तोत्रम् - काञ्चीनूपुररत्नकङ्कणलसत्क... जय मृत्युंजय - दंग आज ताण्डवात, भीषण आला... जय मृत्युंजय - दंग आज ताण्डवात, भीषण आला... रसगंगाधरः - अथान्योन्यालंकार: रसगंगाधरः - अथान्योन्यालंकार: सूत्रस्थान - अध्याय १५ सूत्रस्थान - अध्याय १५ कल्पस्थान - अध्याय १ कल्पस्थान - अध्याय १ पदे ३५१ ते ४०० पदे ३५१ ते ४०० कल्पस्थान - अध्याय ५ कल्पस्थान - अध्याय ५ शारीरस्थान - अध्याय ५ शारीरस्थान - अध्याय ५ सूत्रस्थान - अध्याय ०६ सूत्रस्थान - अध्याय ०६ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ४१ से ४५ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ४१ से ४५ नामदेवस्तव नामदेवस्तव ठाकुर प्रसाद - अष्टम स्कन्ध ठाकुर प्रसाद - अष्टम स्कन्ध अनुभवामृत - प्रकरण १० वें अनुभवामृत - प्रकरण १० वें श्रीकृष्ण माधुरी - पद ८१ से ८५ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ८१ से ८५ अध्याय ८९ वा - श्लोक ५६ ते ६० अध्याय ८९ वा - श्लोक ५६ ते ६० भागवतमाहात्म्य - अध्याय २ रा भागवतमाहात्म्य - अध्याय २ रा तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २ तुलसीदास कृत दोहावली - भाग २ ओव्या दळणाच्या ओव्या दळणाच्या शुकाख्यान - अभंग २२६ ते २५० शुकाख्यान - अभंग २२६ ते २५० कृष्णास्तव कृष्णास्तव श्रीकृष्ण माधुरी - पद ६१ से ६५ श्रीकृष्ण माधुरी - पद ६१ से ६५ | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP