श्रीसीतासूक्तिः

भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है।


पुण्यराशिरिव मैथिलप्रभो रामलोचनचकोरचन्द्रिका ।

दीपितार्चिरिव रक्षसां सदा जानकी विजयतां यशोधना ॥३५॥

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Last Updated : March 14, 2008

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