संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|सूक्तिः| सूक्तिः सूक्तिः प्रथमोल्लास द्वितीयोल्लास तृतीयोल्लास चतुर्थोल्लास पञ्चमोल्लास षष्ठोल्लास सप्तमोल्लास अष्टमोल्लास नवमोल्लास दशमोल्लास सूक्तिः भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Tags : devidevtasuktiदेवतादेवीसूक्ति प्रथमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। द्वितीयोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। तृतीयोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। चतुर्थोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। पञ्चमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। षष्ठोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। सप्तमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। अष्टमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। नवमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। दशमोल्लास style INDEX | trending_up 1 | language भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है। Folder Page Word/Phrase Person References :पुस्तक - सुक्तिसुधाकरप्रकाशक - गीता प्रेस. गोरखपुरसौजन्य - श्री. सप्रे, पुणे, महाराष्ट्र. Last Updated : March 14, 2008 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP