भजन - प्रभु मेरे प्रीतम प्रान प...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


प्रभु मेरे प्रीतम प्रान पियारे ।

प्रेम-भगति निज नाम दीजिये, द्याल अनुग्रह धारे ॥

सुमिरौं चरन तिहारे प्रीतम, ह्रदै तिहारी आसा ।

संत जनाँपै करौं बेनती, मन दरसन्कौ प्यासा ॥

बिछुरत मरन, जीवन हरि मिलते, जनको दरसन दीजै ।

नाम अधार, जीवन-धन नानक प्रभु मेरे किरपा कीजै ॥

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Last Updated : December 20, 2007

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