हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|अनुवादीत साहित्य|दासबोध हिन्दी अनुवाद|शिकवणनाम| लेखनक्रियानिरूपणनाम शिकवणनाम लेखनक्रियानिरूपणनाम विवरणनिरूपणनाम करंटलक्षणनिरूपणनाम सदेवलक्षणनिरूपणनाम देहमान्यनिरूपणनाम बुद्धिवादनिरूपणनाम यत्ननिरूपणनाम उपाधिलक्षणनिरूपणनाम राजकारणनिरूपणनाम विवेकलक्षणनिरूपणनाम समास पहला - लेखनक्रियानिरूपणनाम ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन समर्थ रामदास लिखीत दासबोध में है । Tags : dasbodhramdasदासबोधरामदास समास पहला - लेखनक्रियानिरूपणनाम Translation - भाषांतर ॥ श्रीरामसमर्थ ॥ ब्राह्मण बालबोध अक्षर । घोटकर करें सुंदर । जिन्हें देखते ही चतुर । समाधान पातें ॥१॥ गोल सरल स्पष्टाकार । मसी का काला डालकर । गाढ़े एकसमान चली कतार । मुक्तमालायें जैसी ॥२॥अक्षरमात्र उतने ठीक । नेमस्त अंतर खडी मात्रायें ठीक । आडी मात्रायें वे भी ठीक । रफार, ऱ्हस्व, दीर्घ ॥३॥ पहला अक्षर लिखा जैसे । ग्रंथांत तक देखते गये । लिखा एक ही कलम से । ऐसा लगे ॥४॥ अक्षरों का कालापन । लेखनी का उचित दबाव । उसी तरह मोड घुमाव । हो एक सा ॥५॥ पंक्ति को पंक्ति छुये ना । रफार मात्रा को छेदे ना । नीचे की पंक्ति को छुये ना । अथवा लंबाक्षर ॥६॥ पृष्ठ को शिष्य रेखांकित करें। उस पर नेमस्त ही लिखें । पास दूर ना होने दें। अंतर पंक्तियों का ॥७॥खोजें तो अड़चन आयेना । गल्ती देखो तो मिलेना । कसर छोड़े ये होता ना । लेखक से ॥८॥ जिसकी उम्र है नूतन । वह सावधानी से करें लेखन । जनों को मोह हो निर्माण । ऐसा लिखें ॥९॥ बहुत बारीक अक्षर यौवन में। काम ना आये बुढापे में । मध्यस्थ लिखने की करनी ये। करनी चाहिये ॥१०॥ चारो ओर जगह छोड़कर । बीच में लिखें चटकदार अक्षर । कागज गलने पर भी अक्षर । रहते वैसे ही ॥११॥ ऐसा ग्रंथ लिखें सावधानी से । प्राणिमात्र को हो ईर्ष्या जिससे । पुरुष वह देखे ऐसे । कहते लोग ॥१२॥काया से बहुत कष्ट करें । उत्कट कीर्ति को छोड़ जायें। जिज्ञासा पैदा हो ऐसा करें । कुछ एक ॥१३॥सख्त कागज ले आयें। सावधानी से यथेष्ट घोटें । लेखन सामग्री साथ रहें। नाना प्रकार की ॥१४॥ छुरी, कतरनी, जागाईत । खलबट्टा, घोटा तागाईत । नाना सुरंग मिश्रित । परखकर लें ॥१५॥ नाना देशों के बर्स र लायें । सख्त बारीक सरल लें। नाना रंगों के ले आयें। नाना जिनस ॥१६॥ बर्स छीलने के नाना जिनस । नाना प्रकार के रेखाटन । रंग बिरंगी करती निर्माण । सीस की गोलियां ॥१७॥ ईगुर संग्रह में रखें । आलता सूखा देखकर लें । चिंधी भिगाकर सुखायें । संग्रह स्याही का ॥१८॥ अंत में इतिश्री करें । जहाज की पट्टियां घोटें । नाना चित्रों से चित्रित करें । ऊंचे चित्र ॥१९॥ नाना रेशमी डोरे नाना वेष्टन। सिंदूर वर्ण के मोम कापड । पेटी ताले का करें जतन । पुस्तकों के कारण ॥२०॥ इति श्रीदासबोधे गुरुशिष्यसंवादे लेखनक्रियानिरूपणनाम समास पहला ॥१॥ N/A References : N/A Last Updated : February 16, 2025 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP