हिंदी सूची|पूजा एवं विधी|नित्य कर्म पूजा|स्नान|स्नानकी आवश्यकता| स्नानके भेद स्नानकी आवश्यकता स्नानकी आवश्यकता स्नानके भेद अशक्तोंके लिये स्नान स्नानकी विधि जलकी सापेक्ष श्रेष्ठता स्नानके भेद प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे. Tags : devatadevipoojaदेवतादेवीपूजा स्नानके भेद Translation - भाषांतर स्नानके भेद -- मन्त्रस्नान, भौमस्नान, अग्निस्नान, वायव्यस्नान, दिव्यस्नान, वारुणस्नान और मानसिक स्नान -- ये सात प्रकारके स्नान हैं । 'आपो हि ष्ठा०' इत्यादि मन्त्रोंसे मार्जन करना मन्त्रस्नान, समस्त शरीरमें मिट्टी लगाना भौमस्नान, भस्म लगाना अग्निस्नान, गायके खूरकीधूलि लगाना वायव्यस्नान, सूर्यकिरणमें वर्षाके जलसे स्नान करना दिव्यस्नान, जलमें डुबकी लगाकर स्नान करना वारुणस्नान, आत्माचिन्तन करना मानसिक स्नान कहा गया है ।मान्त्रं भौमं तथाग्नेयं वायव्यं दिव्यमेव च ।वारुणं मानसं चैव सप्त स्नानन्यनुक्रमात् ॥आपो हि ष्ठादिभिर्मान्त्रं मृदालम्भस्तु पार्थिवम् ।आग्नेयं भस्मना स्नानं वायव्यं गोरजः स्मृतम् ॥यत्तु सातपवर्षेण स्नानं तद् दिव्यमुच्यते ।अवगाहो वारुणं स्यात् मानसं ह्यात्मचिन्तनम् ॥ N/A References : N/A Last Updated : November 25, 2018 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP