Dictionaries | References

रीण बुडलें न मागतां, सोयरीक गेली न पुसतां

   
Script: Devanagari

रीण बुडलें न मागतां, सोयरीक गेली न पुसतां

   ( गो.) न मागितल्यानें कर्ज बुडतें आणि विचारपूस न केल्यानें आप्तसंबंध तुटतात.

Related Words

रीण बुडलें न मागतां, सोयरीक गेली न पुसतां      न न   ن(न)   मागतां रीण, चलय‍तां सोयरीक   काम न आना   सोयरीक   बाल बाँका नहीं करना   रीण   कामी न येणे   मागतां येईना भीक, तर तंबाखू खायला शीक   न मागतां कृपा करतो, त्याचा उपकार मोठा होतो   न देवाय न धर्माय   न भूतो न भविष्यति   न पुत्रो न पुत्री   हांक ऐकूं न येणें   हांक कानावर न जाणें   हाक कानीं न पडणें   न नीचो यवनात्परः   वैवाहिक संबंध   न बिगुमा   व्यंजनाक्षर न   व्यञ्जनाक्षर न   न अक्षर   न व्यंजन   कफी न   गोबाय न   गौथुम न   संग्रा न   दालान न   जथुम न   बांग्ला न   बिखुमजोनि न   लाइफां न   रान्दिनि न   फाक्का न   न उष्टावलेला   न कपलेला   न गायसन   न गैजारङै   न जोखलेले   न पाहण्याजोगा   न बानायनाय   न मालिक   न रैखागिरि   पारलामेन्ट न   पन्चायत न   न बिगोमाजो   न लोटलेला   न नेग्रा   न भोगलेला   न मागता   न मोजलेला   न लुनाय   न उतरणें   न खाण्याजोगा   न गायसनजा   न बां   बायखोन्दा न   कामातुराणां न भयं न लज्‍जा।   अर्थातुराणां न पिता न बंधुः   बांला न   न तुटणारा   न बोलणे   आफाद न   अट्टालिखा न   थालानै न   बिहावनि न   लिर(न)   न उडणारा   न कळलेला   न कापलेला   न केलेला   न खाल्लेला   न चाखलेला   न तासलेला   न तोललेले   न थांबविण्याजोगा   न नमलेला   न नांगरलेला   न पाहण्यासारखा   न फसं   न बरसणारा   न भरलेला   न मस्तवलेला   न मापलेला   न वापरलेला   न समजणारा   न सांगण्याजोगा   दोनथुमग्रा न   न बिगोमा   न बेंग्रा   आलासि-न   खासोर न   संसद न   मोब्लिब न   फावथाइ न   न घडण्याजोगा   न स्त्रीस्वातन्त्र्यमर्हति।   हाथरखि न   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP