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द्रव्य वाढतें, शरीर क्षीण होतें

   
Script: Devanagari

द्रव्य वाढतें, शरीर क्षीण होतें

   जसजशी संपत्ति वाढत जाते तसतसेम त्याच्या रक्षणाच्या काळजीनें शरीर झिंजू लागतें.

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