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दुश्‌मन न सोवे, न सोने देवे

   
Script: Devanagari

दुश्‌मन न सोवे, न सोने देवे

   शत्रु स्वत: झोपत नाहीं व प्रतिस्पर्ध्याला झोंपू देत नाहीं. असा तो जागरूक व त्रासदायक असतो. तेव्हां फार सावध राहावें लागतें.
   सवि ३९०. पाठभेद
   दुश्‌मन सोवै न सोने दे.

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