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आत्मस्तुती, ही द्वेषाची हो जाती

   
Script: Devanagari

आत्मस्तुती, ही द्वेषाची हो जाती

   स्वतःच स्वतःची स्तुति करणें म्हणजे अप्रत्यक्ष रीतीने दुसर्‍याची निंदा अथवा द्वेष करण्यासारखेच आहे.

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