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खगम n. एक तपस्वी ब्राह्मण । यह एक बार अग्निहोत्र कार्य में निमग्न था । उस समय सहस्त्रपाद नामक एक मित्र ने विनोद से तृण का सर्प इसके ऊपर फेंका । इस कारण यह मूर्च्छित हो गया । सावधान होने के बाद इसने शाप दिया, ‘जिस प्रकार के सर्प तू होगा;। यह शाप सुन कर दुःख से विव्हल हो कर, मित्र ने दया की याचना की । तब खगम ने उःशाप दिया, “भृगुकुल में प्रमति को रुरु नामक पुत्र होगा । उससे भेंट होगी, तब तू शापमुक्त हो कर पूर्वस्वरुप को प्राप्त होगा” [म.आ.११] ।
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ख—गम mfn. mfn. moving in the air, flying (said of गन्धर्वs and of missile weapons), [MBh. iii, 820 and 14983; xiv, 2188]
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ख—गम m. m. a bird, [Nal. i, 23]
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N. of a Brāhman, [MBh. i, 995.]
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