Dictionaries | References श शालिहोत्र-तंत्र Meaning Pages Related प्राचीन चरित्रकोश | hi hi | | शालिहोत्र-तंत्र n. महाभारत के अनुसार, यह अश्वविद्या का आचार्य था, एवं घोडों की जाति एवं अश्वशास्त्रसंबंधित अन्य तात्त्विक बातों के संबंध में यह अत्यंत प्रवीण था [म. व. ६९.२७] । इसने सुश्रुत नामक आचार्य को अश्वों का आयुर्वेद सिखाया था [अग्नि. २९२.४४] । ‘अश्वायुर्वेद’ के संबंध में इसने ‘शालिहोत्रतंत्र’ अथवा ‘शाल्यहोत्र’ नामक एक ग्रंथ की भी रचना की थी, जिस ग्रंथ की दो हस्तलिखित पांडु-लिपियाँ लंदन के इंडिया ऑफिस लायब्ररी में विद्यमान हैं। इसी ग्रंथ का एक अनुवाद अरेबिक भाषा में १३६१ ई.स.में. किया गया था । शालिहोत्र-तंत्र n. इस ग्रंथ में इसे एक श्रेष्ठ ऋषि कहा गया है, जिसके आश्रम में, व्यास एवं पांडव इसकी भेंट लेने के लिए उपस्थित हुए थे [म. आ. १४३, परि. १.८७-८८] । इसके आश्रम के समीप एक सरोवर एवं पवित्र वृक्ष था, जिनका निर्माण इसने अपनी तपस्या के द्वारा किया था [म. आ. १४४.१५७९*] । इस सरोवर का केवल जल पी लेने से भूखप्यास दूर हो जाती थी । शालिहोत्र-तंत्र n. इसके नाम से ‘शालिशूर्प’ (शालिशीर्ष अथवा शालिसूर्य) नाम से एक तीर्थस्थान प्रसिद्ध हुआ था, जहॉं स्नान करने से सहस्त्र-गोदान का फल प्राप्त होता था [म. व. ८१.९०] । शालिहोत्र-तंत्र II. n. शूलिन् नामक शिवावतार का शिष्य। शालिहोत्र-तंत्र III. n. पौष्यंजिपुत्र लांगलिन् नामक सामवेत्ता आचार्य का नामांतर (लांगलिन् देखिये) । Related Words SUGGEST A NEW WORD! तंत्र शालिहोत्र शालिहोत्र-तंत्र ताळ ना तंत्र, उगाच पोकळ यंत्र मांत्रिक तंत्र : Folder : Page : Word/Phrase : Person Search results No pages matched! Related Pages | Show All अध्याय २९० - अश्वशान्तिः अध्याय २९० - अश्वशान्तिः अध्याय २९१ - गजशान्तिः अध्याय २९१ - गजशान्तिः पशुपरीक्षेची उदाहरणे पशुपरीक्षेची उदाहरणे अध्याय २८९ - अश्वचिकित्सा अध्याय २८९ - अश्वचिकित्सा उच्छिष्ट गणेश - महत्व उच्छिष्ट गणेश - महत्व वेदस्तुति - श्लोक २८ वेदस्तुति - श्लोक २८ प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त २० वे प्रायश्चित्तमयूख - प्रायश्चित्त २० वे प्रारंभिकावस्था - आरंभ प्रारंभिकावस्था - आरंभ तृतीयपरिच्छेद - पुनर्विवाह तृतीयपरिच्छेद - पुनर्विवाह गोरख - गोधडी गोरख - गोधडी जातकर्म संस्कार जातकर्म संस्कार गर्भाधानापासून अन्नप्राशनापर्यंत संस्कार गर्भाधानापासून अन्नप्राशनापर्यंत संस्कार हारीतसंहिता - प्रस्तावना हारीतसंहिता - प्रस्तावना विप्र गोविंदकृत शिल्पशास्त्र विप्र गोविंदकृत शिल्पशास्त्र कालीतंत्र - पूजन यंत्र कालीतंत्र - पूजन यंत्र अभिषेक अभिषेक अयन अयन लक्षणे - ९१ ते ९५ लक्षणे - ९१ ते ९५ धर्मसिंधु - श्राद्ध संपात असल्यास धर्मसिंधु - श्राद्ध संपात असल्यास भवानीप्रसाद मिश्र - ‘ सूर्य हा पृथ्वीचा पहिला... भवानीप्रसाद मिश्र - ‘ सूर्य हा पृथ्वीचा पहिला... भवानीप्रसाद मिश्र - ‘ सूर्य हा पृथ्वीचा पहिला... भवानीप्रसाद मिश्र - ‘ सूर्य हा पृथ्वीचा पहिला... सौन्दर्यलहरी - श्लोक ३१ ते ४० सौन्दर्यलहरी - श्लोक ३१ ते ४० विठ्ठलनाथकृत पदें ६६ ते ६८ विठ्ठलनाथकृत पदें ६६ ते ६८ अध्याय ८७ वा - श्लोक २६ ते ३० अध्याय ८७ वा - श्लोक २६ ते ३० पंचीकरण - अभंग १५१ ते १५५ पंचीकरण - अभंग १५१ ते १५५ ज्येष्ठ वद्य २ ज्येष्ठ वद्य २ मूत्रवहस्त्रोतस् - वातकुंडलिका मूत्रवहस्त्रोतस् - वातकुंडलिका धर्मसिंधु - तिलतर्पणाचा निर्णय धर्मसिंधु - तिलतर्पणाचा निर्णय अध्याय ३ रा - श्लोक २१ ते २५ अध्याय ३ रा - श्लोक २१ ते २५ धर्मसिंधु - आश्वलायन प्रयोग धर्मसिंधु - आश्वलायन प्रयोग शाहीर हैबती - लग्नाविषयीं शाहीर हैबती - लग्नाविषयीं अध्याय २० वा - आरंभ अध्याय २० वा - आरंभ कालीतंत्र - कालविनाशिनी काली कालीतंत्र - कालविनाशिनी काली जयदेवककृत अष्टपदि - सखी हे केऽसि मदनमुदारम् र... जयदेवककृत अष्टपदि - सखी हे केऽसि मदनमुदारम् र... साधन मुक्तावलि - प्रकरण २ रे साधन मुक्तावलि - प्रकरण २ रे नामकरणाचा संस्कार नामकरणाचा संस्कार गृहप्रवेशनीय होम गृहप्रवेशनीय होम पद - कृपा कर पद - कृपा कर अध्याय २४ वा - श्लोक १ ते ५ अध्याय २४ वा - श्लोक १ ते ५ विद्यागणपतिरहस्यम् - अध्याय १ ला विद्यागणपतिरहस्यम् - अध्याय १ ला धर्मसिंधु - पौर्णिमेचा विशेष निर्णय धर्मसिंधु - पौर्णिमेचा विशेष निर्णय धर्मसिंधु - साधारणपरिभाषा धर्मसिंधु - साधारणपरिभाषा पुंसवनाचा संस्कार पुंसवनाचा संस्कार तृतीय परिच्छेद - श्राद्धसंपात असतां निर्णय तृतीय परिच्छेद - श्राद्धसंपात असतां निर्णय उत्तर खंड - ब्रह्मचतुष्टय उत्तर खंड - ब्रह्मचतुष्टय श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय सोळावा श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय सोळावा सूरह - अल्कियामा सूरह - अल्कियामा पुजारी - अभंग २६७६ पुजारी - अभंग २६७६ अथ सप्तमोsध्याय: अथ सप्तमोsध्याय: श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय पाचवा श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय पाचवा | Show All : Folder : Page : Word/Phrase : Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP