बृहज्जातक - लग्न किंवा राशि कोष्टक

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


लग्न किंवा राशि कोष्टक

विषयराशि

मेष

वृषभ

मिथुन

कर्क

सिंह

अंकसंज्ञा

कालागे

शिर

मुख

वक्ष

हदय

उदर

स्वरुप

मेंढा

वृषभ

गदाधारी पु

जलचर

सिंह

सवाणी स्त्री

प्राणी

संचार स्थान

अरण्य

अरण्य

ग्राम्य

जलचर

अरण्य

स्वामी

मंगळ

शुक्र

बुध

चंद्र

रवि

नवाशारंभ

मेष

मकर

तुला

कर्क

मेष

विषमसमसंज्ञा

विषम

सम

विषम

सम

विषम

क्रियादिसंज्ञा

क्रिय

ताबुरि

जितम

कुलीर

लेय

दिवारारात्रिसंज्ञा

रात्रि

रात्रि

रात्रि

रात्रि

दिवा

१०

उदयसंज्ञा

पृष्ठ

पृष्ठ

झीर्ष

पृष्ठ

शीर्ष

११

क्रूरसौम्य

क्रूर

सौम्य

क्रूर

सौम्य

क्रूर

१२

पु. स्त्री

पुरुष

स्त्री

पुरुष

स्त्री

पुरुष

१३

चरादिस्वभाव

चर

स्थिर

द्विस्वभाव

चर

स्थिर

१४

दिक् स्वामी

पूर्व

दक्षिण

पश्चिम

उत्तर

पूर्व

१५

नरादिसंज्ञा

पशु

पशु

नर

कुलीर

पशु

१६

पदसंज्ञा

चतुः

चतुः

द्वि

बहु

चतुः

१७

मान

२०

२४

२८

३२

३६

१८

र्‍हस्वादित

र्‍हस्व

र्‍हस्व

सम

सम

दीर्घ

१९

सजल निर्जल

निर्जल

निर्जल

निर्जल

सजल

निर्जल

२०

रंग

रक्त

श्वेत

हिरवा

पृष्ठ

ऊर

२१

प्लव ( कल )

दक्षिण

आग्नेय

उत्तर

वायव्य

पूर्व

२२

वियोनिअंगे

शिर

मुखगळ

पूर्वपादासौ

पृष्ठ

ऊर

२३

राशिबंधन

रज्जु

रज्जु

निगड

दुर्ग

२४

गुणक

१०

१०

लग्न किंवा राशि कोष्टक

कन्या

तूल

वृश्चिक

धनु

मकरे

कुंभ

मीन

१०

११

१२

कष्टी

बस्ति

लिंग

ऊरु

जानू

जंधा

पाद

धान्य अग्नि

तुलाधारी

कीट

x

+

कुंभी

संमुखम

सहनौ, स्त्री

पुरुष

जाति

पुरु

त्स्यद्वय

नौकास्थ

षण्यवी

खळगा

ग्राम्य

+

ग्राम्य

जल

बुध

शुक्र

मंगळ

गुरु

शनि

शनि

गुरु

मकर

तुला

कर्क

मेष

मकर

तुला

कक

सम

विषम

सम

विषम

सम

विषम

सम

पाथींन

जुक

कौर्प्य

तोक्षिक

आकोकेर

हद्रोग

अत्यभ

दिवा

दिवा

दिवा

रात्रि

रात्रि

दिवा

संध्या

१०

शीर्ष

शीर्ष

शीर्ष

पृष्ठ

पृष्ठ

शीर्ष

उभय

११

सौम्य

क्रूर

सौम्य

क्रूर

सौम्य

क्रूर

सौम्य

१२

स्त्री

पुरुष

स्त्री

पुरुष

स्त्री

पुरुष

स्त्री

१३

द्विस्वभाव

चर

स्थिर

द्विस्व

चर

स्त्रिर

द्विस्व

१४

दक्षिण

पश्चिम

उत्तर

पूर्व

दक्षिण

पश्चिम

उत्तर

१५

नर

नर

कीट

. ।.

.॥.

नर

चलचर

१६

द्वि

द्वि

बहु

.॥।.

द्वि

बहु

१७

४०

४०

३६

३२

२८

२४

२०

१८

दीर्घ

दीर्घ

दीर्घ

सम

सम

र्‍हस्व

र्‍हस्व

१९

निर्जल

सजल

सजल

निर्जल

सजल

सजल

सजल

२०

चित्र

काळा

पिवळा

पिंगट

करडा

नकुलवर्ण

मीनवर्ण

२१

उत्तर

आग्नेय

दक्षिण

ईशान्य

पश्चिम

पश्चिम

ईशा

२२

पाश्व

कुक्षि

गुद

पश्चिम पा

उपस्थ

स्फिक

पुच्छ

२३

निगड

निगड

भुयार

रज्जु

दुर्ग

निगड

दुर्ग

२४

११

१२

N/A

References : N/A
Last Updated : March 03, 2010

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