मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष व्रत - अनघाव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


अनघाव्रत

( हेमाद्रि ) -

मार्गशीर्ष कृष्णाष्टमीको डाभके अनघ और अनघा निर्माण करके गोबरसे पोती हुई वेदीपर विराजमानकर गन्धादिसे उनका पूजन करे । इस प्रकार प्रत्येक कृष्णाष्टमीको एक वर्षतक करे तो सम्पूर्ण प्रकारके पाप दूर हो जाते हैं ।

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Last Updated : January 22, 2009

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